Thu. Jun 19th, 2025

BBCTimes in रतलाम। 18 ,नवंबर 2022 पत्रकरिता का व्यवसाय जोखिम और प्रतिदिन चुनौती भरा है। इस पेशे में सार्वजानिक हितों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। पारदर्शिता से पत्रकारिता की जाये तो बेहतर रहता है। आज का समय तकनिकी के नए नए रूप लेता हुआ नज़र आ रहा है। इसलिए पत्रकारिता में अपडेट रहने की बहुत आवश्यकता है। यह बात वरिष्ठ पत्रकार श्री श्रेणिक बाफना ने सृजन कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग द्वारा सम्मान समारोह के अवसर में कही। वहीँ वरिष्ठ पत्रकार श्री ऋषिकुमार शर्मा ने कहा की पत्रकारिता के पेशे को नीलकंठ महादेव के सामान है। जो इस व्यवसाय से जुड़ गया वो जीवन भर विषपान करता है, निर्भीकता के साथ अपने निजी विचारों को छोड़ कर आमजन की समस्यायों को शासन व् समाज के सामने मुखरता से प्रकाशित करता है। यही उसका नैतिक धर्म है। गौरतलब है की सृजन महाविद्यालय द्वारा आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्रेणिक बाफना व ऋषिकुमार शर्मा को उनके द्वारा पत्रकरिता में किये उच्च कार्यों के लिए सम्मान रूपी प्रशस्ति पत्र दे उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी ने कहा पत्रकार को अपनी दृष्टि शासन व समाज की गतिविधियों पर रखना ही उसकी जिम्मेदारी है। पत्रकार की नज़र से कोई चीज छूटना नहीं चाहिए। प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश गोस्वामी ने विशेष अतिथि के रूप में कहा पत्रकारिता का व्यवसाय श्रम साध्य के साथ साथ समाज में गरिमा का स्थान भी है। सृजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड साइंस के चेयरमैन श्री अनिल झलानी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा की आज राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर हम पत्रकार की सेवाओं के योगदान के लिए सम्मान समरोह की परम्परा की शुरुआत कर रहें हैं जिसे निरंतर प्रति वर्ष किया जायेगा। सृजन महाविद्यालय का उद्श्य समाज में नए जुझारु और जिज्ञासु पत्रकार तैयार करना है, जो समाज को नई दिशा दिखाने में खरे उतरें। कार्यक्रम में पत्रकरिता विभाग के विद्यार्थियों कविता व्यंग व भाषण की प्रस्तुति देकर अपनी कला से परिचय कराया। कार्यक्रम में शहर के उपस्थित पत्रकारों में सुरेंद्र जैन, नरेंद्र जोशी, रमेश टाक, गोविन्द उपाध्याय, हेमंत भट्ट,भुवनेश पंडित, मिश्रीलाल सोलंकी,नीरज शुक्ला, तुषार कोठारी, सहित पत्रकार जगत से जुड़े शहर के लगभग सभी मीडिया कर्मी मौजूद रहे। सञ्चालन लेखक-कविताकार निसर्ग दुबे द्वारा किया गया, वहीँ आभार भाषण सृजन महाविद्यालय पत्रकरिता विभाग के प्राचार्य डॉ मोहन परमार द्वारा किया गया।

error: Content is protected !!