बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 27 फरवरी 2022
21 लाख दीयों से जगमग होगा उज्जैन शहर, क्षिप्रा नदी के तट पर शून्य अपशिष्ट के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड हेतु किया जाएगा प्रयास
उज्जैन 27 फरवरी। आगामी एक मार्च को शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव के साथ इस महाशिवरात्रि अब तक के सबसे भव्य समारोहों के रूप में बनाया जाएगा। समारोह में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे। 21 लाख दीये प्रज्ज्वलित करने के लक्ष्य के साथ, उज्जैन महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शहर में दीप जलाए जाएंगे। शिव ज्योति अर्पणम नाम के इस कार्यक्रम की शुरुआत शहर की उत्कृष्टता, प्रतिभा और एकजुट भागीदारी को चिह्नित करने के लिए की जाएगी। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव का उद्देश्य पर्यटन की दृष्टि से उज्जैन को विश्व मंच पर स्थापित करना और उज्जैन की ब्रांडिंग करना है ताकि प्रगति और विशिष्टता को सक्षम करने के लिए अपनी सामूहिक भावना को प्रतिष्ठित किया जा सके। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव मनाने के लिए क्षिप्रा के घाटों, सभी मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों और शासकीय परिसरों में, दीप जलाए जाएंगे. शहर के सभी निवासी भी अपने घरों में 5-5 दीपक जलाएं। इस आयोजन में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, बाजारों, दुकानों की साज-सज्जा के साथ-साथ दीप जलाना भी शामिल है।
मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा के तट पर 13 लाख दीपक जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो गिनीज वर्ल्ड स्थापित करने का प्रयास होगा। विश्व के सबसे बड़े जीरो वेस्ट कार्यक्रम की तर्ज पर आयोजित होगा शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव।
शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव दीपक जलाए जाने का विवरण
महाकाल मंदिर 151000, मगलनाथ मंदिर 11000, कालभैरव मंदिर एवं घाट पर 10000, गडकालिका मंदिर 1100, सिद्धवत मंदिर एवं घाट पर 6000, ्हरसिद्धि मंदिर 5000, टॉवर चौक 100000, अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ्200000 इस प्रकार क्षिप्रा नदी के तट पर, सार्वजनिक स्थानों और घर-घर में जलाये जाने वाले दीपों की संख्या 21 लाख होगी। माननीय मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार समाज के सभी वर्गों की भागीदारी के साथ शिवज्योति अर्पणम कार्यक्रम मनाया जाएगा। महोत्सव के सफल क्रियान्वयन हेतु नियमित बैठकें की जा रही हैं और सभी वर्गों के साथ आवश्यक संपर्क किया जा रहा है और पूरा शहर शिवज्योति अर्पणम उत्सव में सक्रिय रूप से और सर्वसम्मति से भाग ले रहा है।
दीपोत्सव पंजीयन
13000 स्वयंसेवकों को क्षिप्रा घाट पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड® का प्रयास करने की आवश्यकता है, जिसके लिए 17,593 स्व-पंजीकरण पहले ही किया जा चुका है। इसमें कॉलेजों से 2913, निजी स्कूलों से 1210, सरकारी स्कूलों से 3090, राष्ट्रीय सेवा योजना से 1023, खेल और युवा कल्याण से 552, तीर्थ पुरोहितों, पंडितों और अखाड़ों से 513, क्षत्रिय मराठा समुदाय से 56, कायस्थ समुदाय से 285, कायस्थ समुदाय से 30 शामिल हैं। राठौर समुदाय से 95, गुजराती समुदाय से 120, सिंधी समुदाय से 100, अग्रवाल समुदाय से 173, सामाजिक संगठनों/समूहों/एनजीओ/सामाजिक कल्याण समूहों से 1027, कोचिंग संस्थानों से 1300, व्यावसायिक संगठनों से 111, राजनीतिक से 900 से पार्टियों, और पंचायत से 4000 एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयंसेवक द्वारा पंजीयन करवाया गया है।
महोत्सव की मुख्य विशेषताएं
- स्वयंसेवकों का पंजीकरण (लगभग 13000) क्यूआर कोड ऐप पर आधारित होगा और पहचान पत्र पुनर्नवीनीकरण से बनाए जाएंगे कागज।
- उत्सव के बाद, पर्यावरण पर कम प्रभाव यानी कम करने, पुनरू उपयोग, पुनर्चक्रण करने के लिए 3त् अवधारणा में 13,00,000 दीयों का उपयोग किया जाएगा।
- दुनिया की सबसे बड़ी मिट्टी के दीये की मूर्ति विकसित करने के लिए बचे हुए मिट्टी के दीयों का उपयोग किया जाएगा, जिसे शहर में स्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा।
- कार्यक्रम के बाद, शेष तेल का उपयोग गौशाला, आदि में खाद्य पदार्थों के लिए किया जाएगा।
- थ्रि आर अन्तर्गत उद्यान में कुर्सियों, बेंच, बर्तन आदि बनाने के लिए लगभग 14000 खाली तेल की बोतलों का पुनः उपयोग किया जाएगा
- मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर माचिस का उपयोग किया जाएगा
- जली हुई बत्तियांे से रैन बसेरा में बेड बनाने के लिए पुनः उपयोग किया जाएगा।
- खाने के लिए केवल बायो-डिग्रेडेबल कटलरी/प्लेट का उपयोग किया जाएगा।
शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव हेतु की गई व्यवस्था*
महाशिवरात्रि पर्व पर शहर में आयोजित होने वाले शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव हेतु प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्था की जा रही है इसी क्रम में पार्किंग स्थल, स्वछता, विद्युत व्यवस्था, पूछताछ केन्द्र, जल व्यवस्था, माइक व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, शौचालय इत्यादि व्यवस्था संचालित होगी। उक्त व्यवस्थाओं से आने वाले श्रद्धालुओं को लाभ होगा, साथ ही समाजसेवी संस्थाओं के सदस्यों द्वारा भी की जाने वाली व्यवस्थाओं में सहयोग किया जाएगा।
