Wed. Jul 30th, 2025
सम्पूर्ण महामृत्युंजय मंत्र

भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करे ?

देवों के देव महादेव को महामृत्युंजय मंत्र अति प्रिय है। ऐसा माना जाता हैं कि जो इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है उससे भगवान शिव प्रसन्न रहते हैं। यदि स्वयं या परिवार में कोई व्यक्ति अस्वस्थ हो तब भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप हिन्दुओं द्वारा किया जाता है | महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है | शिव को मृत्युंजय के रूप में समर्पित ये महान मंत्र ऋग्वेद में पाया जाता है |

महामृत्युंजय मंत्र कब करना चाहिए ?

– इस मंत्र का जाप सुबह-शाम किया जाता है. अगर संकट गंभीर हो तो दिन में किसी भी समय इसका जाप कर सकते हैं. – ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की माला से इसका जाप करना सर्वोत्‍तम है.

|| महा मृत्‍युंजय मंत्र ||
ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!

|| संपुट के साथ महा मृत्‍युंजय मंत्र ||
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!

|| लघु मृत्‍युंजय मंत्र ||
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।

यदि किसी दुसरे के लिए जप करना हो तब –ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय स: जूं ॐ।

|| महा मृत्युंजय मंत्र का अक्षरशः अर्थ ||
त्रयंबकम का मतलब – त्रि-नेत्रों वाला
यजामहे का मतलब – हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं, हमारे श्रद्देय
सुगंधिम का मतलब -मीठी महक वाला, सुगंधित
पुष्टि का मतलब – एक सुपोषित स्थिति,फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्णता
वर्धनम का मतलब – वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है,स्वास्थ्य, धन, सुख में वृद्धिकारक; जो हर्षित करता है, आनन्दित करता है, और स्वास्थ्य प्रदान करता है, एक अच्छा माली
उर्वारुकम का मतलब – ककड़ी
इव का मतलब – जैसे, इस तरह
बंधना का मतलब – तना
मृत्युर का मतलब – मृत्यु से
मुक्षिया का मतलब – हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें
मा का मतलब – न
अमृतात का मतलब – अमरता, मोक्ष


|| महामृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ हिंदी में ||
समस्‍त संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले शिव की हम अराधना करते हैं। विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शिव मृत्‍यु न कि मोक्ष से हमें मुक्ति दिलाएं।

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