*तुषार शर्मा की रिपोर्ट*
*B B C टाइम्स इन* रतलाम 12 जून -. प्रदेश में शासन द्वारा जिले के समस्त शासकीय जिला अस्पतालो में आने वाले प्रत्येक मरीजों से पंजीयन के लिए 5 से 10 रुपए लेती है । किंतु अस्पताल में आने वाले शासकीय सेवा वाले कर्मचारी खुद को स्टाफ का बता कर के 5 रुपए अदा करने से बच जाते है । जब कर्मचारी की ओर से उन्हें शासन का पंजीयन शुल्क अदा करने के लिए कहा जाता है तो वह पर्ची काटने वाले कर्मचारियों से आए दिन बहस करते है ।
ऐसा ही मामला आज शासकीय जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में देखने को मिला जब बीबीसी टाइम्स इन के रिपोर्टर वहा गए तब एक पुलिसकर्मी पर्ची कटवाने आया जब पर्ची काटने वाले कर्मचारी की ओर से पंजीयन शुल्क के 5 रुपए अदा करने के लिए बोला तो पुलिसकर्मी खुद को हॉस्पिटल स्टाफ बताने लगा और कॉल लगाने लगा कर बहस करके चला गया ।
कर्मचारियों ने बताया की प्रतिदिन किसी न किसी से बहस हो रही है। शासकीय कर्मचारी पंजीयन शुल्क नहीं देते है । खुद को स्टाफ का बता कर बहस करते है ।फिर जो व्यक्ति पंजीयन का शुल्क नहीं दे जाते है वह कर्मचारियों को अपने खर्चे पर भुगतान करना पड़ता है। पंजीयन शुल्क अदा करने के लिए खिड़की पर भी दिशा निर्देश दिए गए है फिर भी शासकीय सेवा में पदस्थ कर्मचारी शुल्क देने में कतरा रहे है ।