” आम लोगों की क्षेत्रीय और जनसमस्याओं के प्रति जमीनी लड़ाई को सरकार तक पहुंचानें और गरीब,बेसहारा,जरूरतमंदों व कमजोर वर्गो की आवाज बनकर उन्हें न्यायोचित संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए राष्ट्रीय न्यू आदर्श श्रमजीवी पत्रकार संघ का हर एक कलम का सिपाही सदैव पूर्ण निष्ठा और कर्तव्य के साथ खड़ा हुआ है और आगे भी सदैव हर प्रकार की सामर्थ्य मदद के रूप में खड़ा रहेगा। उक्त महत्वपूर्ण एवं प्रभावी उदगार राष्ट्रीय न्यू आदर्श श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. डी.एल. शर्मा ने व्यक्त किए। वे संगठन के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता प्रोफे. डां. तेजसिंह किराड़ से दूरभाष पर संगठन की भविष्यगत योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर चर्चा में बोल रहे थे। श्री शर्मा ने कहा कि ” कोरोना काल की पत्रकारिता और पत्रकारों की निष्ठामयी लेखनशीलता ने सरकारों और क्षेत्रीय प्रशासन को हर संभव वस्तुस्थिति से सही सही जानकारियों से लाभान्वित किया हैं। अपनी और अपने परिजनों की जान जोखिम में डालकर तत्परता से समाचारों का संकलन और निष्पादन करने के जुनून ने पत्रकारिता को एक नई ऊंचाई प्रदान की हैं। आपने बताया कि यह वह दौर हैं जब हर कोई इंसान कई मामलों में अपनी और दूसरों से जुड़ी समस्याओं में जकड़ा हुआ हैं। ऐसे में भरण-पोषण और जीवन निर्वाह के साथ जीवन मूल्यों और संस्कार मूल्यों को भी बचाने की रद्दोजहद मची हुई हैं। तब केवल ईम पाठकों के बीच एक सच्चाई युक्त जानकारी ही प्रेरणा बनकर समस्याओं का हल बनी हैं।
पत्रकारों के लिए सदैव लड़ने वाले मा. डीएल शर्मा ने स्पष्ट कहा कि न्यू आदर्श श्रमजीवी राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने देश के सत्तावीस राज्यों में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली हैं। कई क्षेत्रीय संगठनों ने राष्ट्रीय न्यू आदर्श श्रमजीवि पत्रकार संघ के कार्यों और नीतियों को जमीनी स्तर पर समझा हैं और आज वे वरिष्ठ पत्रकार बंधुगण भी तेजी से जुड़कर आम पाठकों और कनिष्ठ पत्रकारों को प्रोत्साहित कर उनके लिए संवैधानिक लड़ाई में एकजुट होकर खड़े हो चुकें हैं। आपने संगठन के महत्वपूर्ण उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ” कोरोना काल की भयावता और मानवीय जिंदगीयों की विचलना के खत्म होते ही यथाशीघ्र एक अन्तराष्ट्रीय स्तर का भव्य पत्रकार महासम्मेलन कई समसामयिक एवं महत्वपूर्ण विषयों को लेकर भारत की ऋषि एवं देवभूमि हरिद्वार या महाकाल की नगरी उज्जैन में आयोजित किए जाने की चर्चा विश्व के कई देशों के विद्वान और वरिष्ठ पत्रकारों के साथ चल रही हैं। आपने कहा कि इस पत्रकार महासम्मेलन में दुनियाभर के पत्रकारों को विशेषरूप से सम्मानीत और गौरवान्वित किया जाएगा। इस हेतू कई राज्यों सरकारों और केन्द्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय,गृह मंत्रालय मानव संसाधन और विकास मंत्रालय, देश के बड़े टीवी चैनल के मालिकों एवं उनसे जुड़े इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों,राष्ट्रीय,राज्य एवं क्षेत्रीय स्तर पर प्रकाशित दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशक से भी व्यापक स्तर पर चर्चा और पत्रव्यवहार किया जा रहा हैं। ताकि भारत में कोरोना काल के लेखन,पत्रकारों की दायित्विक भूमिका और राज्यों और केन्द्र सरकार के सहयोग को चित्रांकित कर समाज में एक नया संदेश स्थापित किया जा सकें। आपने जोर देते हुए कहा कि इस अन्तराष्ट्रीय पत्रकार महासम्मेलन आयोजन के पूर्व देश के हर राज्यों की एक पूर्ण संवैधानिक और मान्य राज्यस्तरीय कार्यकारिणी का मजबूत संगठन खड़ा किया जाना भी अति आवश्यक हैं। इस हेतू सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को अपने अपने राज्यों में काफी मेहनत और वैचारिक संवाद कर जमीनी स्तर के हर एक योग्य, निष्ठावान,कर्मठ,समाजसेवी पत्रकार को चिन्हित कर उन्हें एकजुटता के बंधन में बांधने के लिए भागीरथी प्रयास आज से ही आरंभ करना होगें। इस संदर्भ में महासचिव एवं प्रवक्ता प्रोफे.डां तेजसिंह किराड़ ने बताया कि ” आज समाज की ज्वलंत समस्याओं को त्वरित प्रकाशित करने और उभरते उद्यमान पत्रकारों को समाज में हर संभव प्रोत्साहित करने की महत्ती आवश्यकता हैं। समाज की समस्याओं को समाज के दर्पण में उसी तरह देखें और समाचार के रूप में उसी तरह लिखें जिस तरह की वे सच्चाई से युक्त हैं। आपने कहा कि देश में पत्रकारिता के लिए बहुत ही व्यापक स्कोप हैं। किन्तु उचित मार्गदर्शन और प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण भारतीय ग्रामीण और शहरीय पत्रकारिता को अलग-अलग परिभाषाओं में अभिव्यक्त किया जाता हैं। यही कारण हैं कि पत्रकारिता को पत्रकारों को वह पहचान और सम्मान नहीं मिल पा रहा हैं जिसके वे सही मायनों में हकदार हैं।
राजगढ़ जिला ब्यूरो चीफ आकाश शर्मा की रिपोर्ट