BBC टाइम्स इन उज्जैन 12 अक्टूबर।
उज्जैन। संभागायुक्त श्री आनन्द कुमार शर्मा ने आज कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, दुग्ध संघ एवं आबकारी विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक ली।
उन्होंने संयुक्त संचालक उद्यानिकी को निर्देश दिये कि उनका विभाग निजी नर्सरियों की तरह काम करे। निजी नर्सरी संचालित करने वाला व्यक्ति पांच एकड़ की नर्सरी में 50 हजार रुपये तक की आय प्राप्त करता है, वहीं उद्यानिकी विभाग पांच हेक्टेयर की नर्सरी संचालित करने के बाद भी इतनी आय प्राप्त नहीं कर पा रही है। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि रोड साईड में स्थित नर्सरियों के बाहर विभिन्न औषधिय पौधों, मसालों के पौधे, फलदार पौधों और विभिन्न वेराईटी के पौधों को प्रदर्शित किया जाये, ताकि आने-जाने वाले लोग इसका अवलोकन करें और प्लांट खरीदें। जो व्यक्ति नर्सरी के अन्दर विभिन्न पौधों का अवलोकन करना चाहता है, उसे अवलोकन भी कराया जाये।
संभागायुक्त श्री शर्मा ने संभागीय आबकारी अधिकारी को निर्देश दिये कि वे संभाग के सभी जिले के कलेक्टर से मिलकर एवं अपने अधीनस्थ जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे अवैध शराब परिवहन में संलग्न जप्त वाहनों की नीलामी शीघ्र ही करायें। नीलामी से राजस्व की प्राप्ति होगी।
संभागायुक्त ने संभागीय मत्स्य अधिकारी को निर्देश दिये कि वे ढाई एकड़ तक के किसानों को प्रेरित करें कि वे खेत-तालाब बनायें और वहां मछली पालन करें। ढाई एकड़ का किसान भी मछली पालन से चार से पांच लाख रुपये तक की आय प्राप्त कर सकता है। बताया गया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में एक हेक्टेयर पर सात लाख रुपये का निर्माण कार्य एवं चार लाख रुपये की अन्य राशि मत्स्य पालकों को दी जा रही है। मत्स्य पालक एक हेक्टेयर में मछली पालन कर चार से पांच लाख रुपये तक की आय प्राप्त कर सकते है।
संभागायुक्त श्री शर्मा ने दुग्ध संघ के कार्यों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दुग्ध संघ को अपना उत्पादन खपाने के लिये जो प्रयास करने चाहिये थे, वे पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिये और अधिक प्रयास की आवश्यकता है। संभागायुक्त ने दुग्ध संघ के डॉ.साहू को निर्देश दिये कि वे रतलाम, उज्जैन एवं मंदसौर कलेक्टर से बात कर इन जिलों में पांच-पांच हजार लीटर दूध की सप्लाई बढ़ायें। संभागायुक्त ने हिदायत दी कि यह कार्य एक माह में पूर्ण कर लिया जाये।
संभागायुक्त ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि कृषि विस्तार की सेवाएं निरन्तर चालू रहें। कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक किसानों को नई वेराईटी की फसल लगाने के लिये प्रेरित करें। शासन द्वारा जो लक्ष्य विभाग को दिया गया है, उस लक्ष्य से भी बढ़कर कार्य किया जाये। संभागायुक्त ने कहा कि किसानों को चना, मटर, मसूर के बीजों की समस्या न आये। विभाग मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में किसान गेहूं की अपेक्षा चना, मटर, मसूर की फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और चना, मटर, मसूर का रकबा बढ़ रहा है।
बैठक में सभी सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।