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*B B C टाइम्स इन* रतलाम 16 मार्च रतलाम किसी ने बेहद उम्दा पंक्तिया लिखी है, बेशक दिखाई किसी को ना दे ,पर शामिल जरूर होता है, हर खुदखुशी करने वाले का कोई न कोई कातिल जरूर होता है, यातव्य हो कि रतलाम निवासी शैलेष चौरसिया ने 30 ,31 मई की रात को 63 शुभ विहार कॉलोनी स्थित घर पर फाँसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शैलेष प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था ।प्रथम दृष्टया शैलेष चौरसिया के घर वालो को लगा कि नौकरी न लगने के दबाव में आकर शैलेष ने आत्महत्या की हैं।
शैलेष की आत्महत्या के लगभग 80 दिन के पश्चात दिनांक 19 अगस्त को शैलेष की माताजी सुनीता चौरसिया को साफ सफाई के दौरान एक कॉपी में शैलेष का हस्तलिखित ग्यारह पन्नो का सुसाइड नोट मिला।जिसमे शैलेष ने अपनी मौत का जिम्मेदार सागर निवासी प्राची पिता मुन्नालाल चौरसिया को बताया हैं। ग्यारह पन्नो के सुसाइड नोट* में शैलेष ने बताया कि प्राची ने किस तरह शैलेष को निरन्तर आत्महत्या के लिए उकसाया हैं। *प्राची ने शैलेष पर लगातार शादी ,प्राइवेट जॉब और घर से दूर रहने के लिए बहुत ज्यादा दबाव बनाया।
सुसाइड नोट में शैलेष ने बताया कि प्राची प्रतिदिन किसी ना किसी बात को लेकर झगडा करती तथा अपशब्दों का प्रयोग करती तो कभी *आत्महत्या कर शैलेष को झूठे केस में फसाने की धमकी देती* ।जिससे निरन्तर शैलेष का मानसिक दबाव बढ़ने लगा।
शैलेष ने उक्त सुसाइड नोट में बताया कि उसे कुछ समय पूर्व ही *प्राची के बहुत से लड़को से संबंध के विषय मे जानकारी मिली तथा उक्त नोट में शैलेष ने लगभग 4-5 लड़को के नाम भी लिखे हैं। ज्ञातव्य हो कि *शैलेष चौरसिया एक प्रतिभाशाली व्यक्तिव का व्यक्ति था* ,उसने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की थी तथा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था।पिछले एक वर्ष में लगातार 4 से 5 प्रतियोगी परीक्षा में बहुत कम अंको से असफल होने पर प्राची द्वारा उसे लगातार अपशब्द कहकर परेशान करना कि तुम्हारी कभी जॉब नही लगेगी,कही जाकर मर जाओ , कब तक अपने भाई से भीख मांगोगे और बहुत कुछ कहकर अपमानित व प्रताड़ित किया जा रहा था।
उक्त नोट में शैलेष ने बहुत जगह लिखा है कि प्राची ने उसे बहुत हद तक परेशान कर रखा था।लगातार मरने की धमकी देकर शैलेष का खाना,पीना और सोना सभी हराम कर रखा था।शैलेष ने इन सभी परेशानियों से त्रस्त होकर जीवन का अंत करना ही बेहतर समझा।इस प्रकार समाज ने एक युवा को खो दिया। प्राची पिता मुन्नालाल चौरसिया निवासी सागर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने हेतु पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया हैं।

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