*B B C टाइम्स इन* 07 फरवरी रतलाम कोरोना वायरस से अब तक प्रभावित होने और जान गवाने तक की खबरें सुनने और पढ़ने को मिल रही थी। मगर कोरोना के चलते पहली बार ऐसा हुआ है कि मेडिकल कॉलेज ने देह लेने से इनकार कर दिया जबकि मृत्यु के पूर्व ही देह दान की इच्छा व संकल्प के साथ खानापूर्ति कर दी गई थी।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे देहदान के अभियान में जुड़ी बहन शकुंतला उपाध्याय एवं कमला पुरोहित द्वारा जुलाई 2020 में रतलाम मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए देहदान का संकल्प लिया था।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव एवं रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी ने B B C टाइम्स इन को बताया कि देहदान का फॉर्म भर कर तत्कालीन डीन डॉक्टर संजय दीक्षित , मानव संरचना विभाग प्रभारी डॉ जितेंद्र गुप्ता एवं निश चेतना विभाग प्रभारी डॉक्टर अर्पणा स्वर्णकार के माध्यम से संकल्प लिया था|
कल बीमारी के पश्चात बहन शकुंतला का स्वर्गवास हो गया| परिवार जन ने उनकी अंतिम इच्छा अनुसार देहदान हेतु समाजसेवी गोविंद काकानी से संपर्क किया| उन्होंने मेडिकल कॉलेज से देहदान के लिए संपर्क किया| वहां से मिली जानकारी अनुसार अभी कोरोना महामारी को देखते हुए देहदान संभव नहीं है|
देहदान की अंतिम इच्छा होने के पश्चात भी दिव्यांग परंतु मानसिक रूप से समाज को एक नई राह दिखाने वाली बहन शकुंतला उपाध्याय का संकल्प पूरा ना होने का परिवार जन को बहुत दुख हो रहा था| उनकी अंत्येष्टि जवाहर नगर मुक्तिधाम पर परिवार सदस्य, बड़ी संख्या में उपस्थित समाज जन, नगर निगम के साथी गण एवं क्षेत्रवासियों द्वारा की गई|