*B B C टाइम्स इन* रतलाम 13 जनवरी श्री सनातन धर्मसभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति के तत्वावधान में त्रिवेणी तट पर चल रहे 67 वें महारूद्र के अर्तगत यज्ञशाला से बैण्डबाजों के साथ महादेव की जलाधारी की रथयात्रा यज्ञाचार्य पं. दुर्गाशंकर ओझा एवं २१ भूदेवों के सानिध्य में यजमान यजमान वीना कुन्दन सोनी एवं धर्मालुजनों के साथ निकाली गई। इसमें यज्ञाचार्य सभी भूदेव, यजमान परिवार की महिलाएं व पुरूष सिर पर पगड़ी बांधे हुए थे। बैण्ड में बज रहे धार्मिक गीतों की धुनों पर महिलाएं नृत्य करते हुए चल रही थी। हर हर महादेव, सनातन धर्म की जय के जयकारे लग रहे थे। धार्मिक उल्लास के साथ यह यात्रा मेला परिसर में होती हुई श्री भैरवनाथ जी के स्थान पर पहुंची। यहां भैरव पूजन कर कुष्माण्ड बलिदान किया गया तथा समस्त प्राणीयों की रक्षार्थ व मंगलकामना की प्रार्थना की गई।
इसके पूर्व यज्ञशाला में यजमान दंपति ने स्थापित देवताओं का पूजन कर द्वारा हवन कुण्ड में आहुतियां दी। यज्ञशाला की परिक्रमा एवं यज्ञ नारायण की महाआरती का आयोजन किया गया।
13 जनवरी बुधवार को अमावस्या के अवसर पर दोपहर 2 बजे गंगाजल कलश यात्रा का आयोजन कर आद्यगुरू शंकरचार्य प्रतिमा का जलाअभिषेक किया जाएगा। साथ ही 68 वें महारूद्र यज्ञ के यजमान का नाम ड्रा द्वारा निर्धारित किया जाएगा। 14 जनवरी को दोपहर 3 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति एवं महाआरती होगी।
इस यात्रा में समिति अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, समाजसेवी अनिल झालानी, नवनीत सोनी, लालचंद टांक, रमेश व्यास, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, बंशीलाल शर्मा, गोपाल जवेरी, हरसहाय शर्मा, गोपाल घुघंरूवाल, प्रेमजी उपाध्याय, मनोहर पोरवाल, मनोज शर्मा, सत्यनारायण पालीवाल, महेश बाहेती, सतीश भारतीय, नरेन्द्र जोशी गुल्लु, पुष्पेन्द्र जोशी, ब्रजेन्द्र नंदन मेहता, बाबुलाल त्रिपाठी, रामचन्द्र पण्डया, चेतन शर्मा, नारायण राठौड़, सूरजमल टांक, मनोज शर्मा, ताराबेन सोनी, राखी व्यास, हंसा व्यास, किरण सोनी, राधा पोरवाल, सरोज सोनी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरूष शामिल थे।
