*B B C टाइम्स इन* 20 दिसंबर रविवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक माधव गोविंद उपाख्य बाबूराव वैद्य के निधन से ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के विचारों की हानि हुई है । जिस काल में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के विषय पर बोलनेवाले दुर्लभ थे, उस काल में मा.गो. वैद्य ने अपनी लेखनी और वक्तृत्व से ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ की विचारधारा दृढ करनेवाला बौद्धिक कार्य किया । इसका भावी पीढियों को निश्चित ही लाभ होगा । हिन्दुत्व के प्रखर प्रवक्ता के रूप में मा.गो. वैद्य सदैव स्मरणीय रहेंगे !