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BBCTimes in Ratlam | 05 नवम्बर | किसी भी विकास योजना को तैयार करते समय उसके सम्‍बद्ध समस्त विभागों एवं एजेंसियों को एक साथ बैठकर उसके भविष्य में आने वाले संभाव्‍य आर्थिक, तकनीकी, सुविधात्‍मक एवं समयावधि आदि पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेते हुए ही योजनाएं तैयार करनी चाहिए।

      गत दिवस रतलाम रेलवे मंडल की महू नीमच रोड को क्रॉस करके नौगांवा-राधाकृष्णन नगर बायपास योजना सामने आने पर उसके क्रियान्वयन के समय उत्पन्न होने वाली कठिनाई एवं व्यावहारिक रूप से सफल/असफल होने ना होने के बिंदु पर प्रशासनिक स्तर पर हुई चर्चा के निष्कर्ष के पश्चात आज सामाजिक कार्यकर्ता अनिल झालानी ने अपने ‘स्‍वान्‍त: -सुखाय- अभियान के अंतर्गत इसी से जुड़े संदर्भ में 14 वर्ष पूर्व दिनांक 8.09.2008 को डीआरएम रतलाम, सड़क विकास निगम उज्जैन और रतलाम कलेक्टर को लिखे पत्र का स्मरण कराया। जिसमें विशेष रूप से इस बात को उल्लेखित किया गया था कि योजनाओं को बनाते समय कोई भी योजना धरातल पर उतरने पर वो कितनी लाभदायक सिद्ध होगी। इस बात पर विचार करने हेतु समय रहते अंतर विभागीय समन्वय की नितांत आवश्यकता रहती है।

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