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BBCTimes रतलाम | 13 Oct | रतलाम राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओ के अनुसार , भारतीय जनता पार्टी के रतलाम जिला संगठन में हाल ही में घोषित पदाधिकारियों की सूची पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि नियुक्तियों में संगठन के ‘एक व्यक्ति – एक पद’ के सिद्धांत की अनदेखी की गई है।
सूत्रों के अनुसार, कई ऐसे कार्यकर्ताओं को दोबारा पदाधिकारी बनाया गया है जो पहले से विभिन्न मोर्चों, प्रकोष्ठों या समितियों में जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इससे नए कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिल पाया, और संगठन में संतुलन और विस्तार की भावना भी प्रभावित हुई है।
पार्टी से जुड़े कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि रतलाम में वर्षों से एक सीमित समूह संगठनात्मक पदों पर बना हुआ है। इस बार भी वही नाम पुनः सूची में दिखाई दे रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा है। ये पदाधिकारी बारी- बारी से कभी इस पद पर तो कभी उस पद को प्राप्त कर रहे है। विधायकों की परिक्रमा करके इन लोगो ने वर्षों से पार्टी के पदों पर कब्ज़ा जमा रखा है। इससे जमीनी स्तर पर सक्रिय और निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हो रहा है।
इस मामले को लेकर गत दिनों रतलाम के समर्पित भाजपाइयों ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भी तथ्यों के साथ मामले से अवगत कराया गया है। मिल रही जानकारी के अनुसार कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो पार्टी के प्रदेशअध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को पत्र भेजकर पूरी जानकारी दी है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वे इस विषय की जांच कर संगठन के भीतर पारदर्शिता और समान अवसर के सिद्धांत को लागू करवाएं।

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