Thu. Jun 19th, 2025

*B B C टाइम्स इन* रतलाम/इंदौर 06 जनवरी कहते हैं परिवर्तन ही संसार का नियम है। जब हम पर्सनल लाइफ में बदलाव कर सकते हैं, तो प्रोफेशनल
लाइफ में क्यों नहीं? ऐसा ही एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली संस्थाओं में, पीआर 24×7 ने अपना नाम शुमार किया है। हमेशा यही देखने में आया है कि कॉर्पोरेट्स में प्रोफेशनल लाइफ की बेहतरी को लेकर ही
बात की जाती है, इसके लिए तमाम नियम बनाए जाते हैं, उनका पालन भी किया जाता है, और यह सब कई
हद तक सही भी है। लेकिन इन सबसे परे कॉर्पोरेट्स को एम्प्लॉयीज़ की उस लाइफ को भी बेहतर बनाए
रखने पर काम करना चाहिए, जिनसे एम्प्लॉयीज़ का असली मोल है।
हम बात कर रहे हैं, एक ऐसे अमूल्य और अतुल्य व्यक्तित्व की, जिन्होंने हमें आज इस मुकाम तकपहुँचाया है।

हम बात कर रहे हैं माता-पिता की, जिनके प्रति समर्पण और पीछे छूटी ढेरों यादों को सहेजने केलिए कुछ दिनों पहले देश की अग्रणी पीआर संस्था, पीआर 24×7 ने फैमिली डे मनाया। संस्था द्वारा आयोजित अपने पारम्परिक उत्सव उड़ान 2022 के इस दसवें संस्करण के अंतर्गत बच्चों को पेरेंट्स के अद्भुत टैलेंट्स देखने को मिले। बच्चों द्वारा भी पेरेंट्स को समर्पित इस दिन को यादगार बनाने के सार्थक प्रयास किए गए। इसके अंतर्गत पेरेंट्स ने उन लम्हों को जिया, जो जीवन की उलझनों और जिम्मेदारियों के बोझ तले वर्षों से कहीं दबे हुए थे। इस पहल को सर्वोपरि रखते हुए पीआर 24×7 के फाउंडर, अतुल मलिकराम कहते हैं, “माता-पिता बच्चों का
बचपन सँवारने, उन्हें संस्कार देने, और कई जिम्मेदारियों के चलते अपनी अनगिनत खुशियाँ कुर्बान कर
देते हैं। तो एक दिन ही क्यों? क्यों नहीं उन्हें वर्ष का हर एक दिन समर्पित किया जाए? कॉर्पोरेट्स को चाहिए
कि यह संस्कार वे अपने एम्प्लॉयीज़ को दें, और समय-समय पर ऐसी गतिविधियाँ कराएँ, जो पूरी तरह
पेरेंट्स के लिए हों।”
गौरतलब है कि संस्था पहले भी इस तरह की कई सराहनीय गतिविधियाँ कर चुकी है, जिसकी लम्बी सूची
में वन डे लीव (माहवारी के दौरान महिलाओं को दी जाने वाली एक दिन की छुट्टी), दीदी काम वाली (घर में
काम करने वाली दीदी का सम्मान), आई लव बर्ड्स (पक्षियों के लिए दाना-पानी), हम होंगे कामयाब
(कोरोना से जंग), नानी की पाठशाला (दादी-नानी से मिलने वाला ज्ञान का भण्डार), नो प्लास्टिक फ्लैग्स
जैसे कई बड़े अभियान शामिल हैं। इस बार लक्ष्य है “हर एक दिन माता-पिता को समर्पित”। कहने का अर्थ

यह है कि तरीका कोई भी हो, लेकिन हर दिन कुछ विशेष समय माता-पिता को समर्पित हो, जो उन्हें सबसे
खास महसूस कराए। पीआर 24×7 के जज़्बे को सलाम.. इस पहल को सलाम..

error: Content is protected !!