BBC टाइम्स इन उज्जैन 27अक्टूबर।
उज्जैन।श्री महाकालेश्वर मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर सांयकाल बाबा महाकाल को केसरिया दूध का भोग अर्पित किया जाएगा। भोग के बाद मंदिर में दर्शन को आने वाले दर्शनार्थियों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा। इसी तरह कार्तिक मास में ठंड का मौसम शुरू होने के बाद बाबा महाकाल की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाता है। मंदिर में रोज होने वाली भगवान की आरती का समय परिवर्तित हो जाएगा। यह व्यवस्था कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा तक रहेगी ।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष भगवान महाकाल की दिनचर्या में दो बार बदलाव होता है मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने बताया कि ठंड का मौसम शुरू होने पर कार्तिक मास व गर्मी के मौसम शुरू होने पर फाल्गुन मास में मंदिर में होने वाली बाबा महाकाल की आरतियों का समय बदलता है। वहीं भगवान को स्नान कराने की प्रक्रिया भी बदल जाती है। रूप चौदस से भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जाता है वहीं गर्मी व वर्षा ऋतु में मंदिर में होने वाली सुबह की दो आरती जल्दी व शाम की आरती देर से होती है। शरद पूर्णिमा पर लगेगा भोग शरद पूर्णिमा के अवसर पर जहां अक्टुबर को श्री शहर के कई मंदिरों में उत्सव का आयोजन होगा। वहीं शरद पूर्णिमा पर 31 महाकालेश्वर मंदिर में शरदोत्सव के तहत सुबह भस्म आरती और शाम 7 बजे भगवान को केसरिया दूध का भोग लगाया जाएगा।
यह होगा आरती समय
प्रथम आरती भस्मार्ती – प्रातः 4 से 6 बजे तक
द्वितीय आरती दद्योदक -प्रातः 7:30 से 8:15 बजे तक
तृतीय भोग आरती- प्रातः 10:30 से 11:15 बजे तक
चतुर्थ संध्याकालीन पूजन- सायं 5 से 5:45 बजे तक
पंचम संध्या आरती- सायं 6:30 से 07:15 बजे तक
शयन आरती- रात्रि 10:30 से 1100 बजे तक ( मंदिर में भस्म आरती व शयन आरती का समय परिवर्तित नहीं होगा