*तुषार शर्मा की रिपोर्ट*
*B B C टाइम्स इन* रतलाम 13 अगस्त सामजिक संस्था रॉबिन हुड आर्मी द्वारा शहर के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के उद्देश्य से नवीन कलेक्टोरेट परिसर में जापानी मियावाकी तकनीक से विभिन्न प्रजातियों के 300 पौधे लगाए गए हैं
आर्मी के जय तलेरा ने बताया कि इस पद्धति में शहरी जंगल की तर्ज पर पौधे रोपे जाते है इसमे पौधों के मध्य एक या दो मीटर दूरी होती है इस पद्धति में 2 फिट चौड़ी और 30 फिट पट्टी में 100 से अधिक पौधे रोपे जा सकते है यह 2 साल में बढ़ते हुए आत्मनिर्भर हो जाते हैं, पौधे पास-पास लगने से मौसम की मार का असर नहीं पड़ता। गर्मियों के दिनों में भी पौधे के पत्ते हरे बने रहते हैं। पास-पास में लगाने से इन्हें ऊपर से धूप मिलती है। इसलिए ये चौड़ाई में बढ़ने के बजाय ऊपर की ओर बढ़ते हैं। इसमें जीव अमृत और गोबर खाद का इस्तेमाल किया जाता है।
तलेरा ने बताया कि पारंपरिक पौधारोपण की तुलना में इस पद्धति से 30 गुना अधिक पौधे पनपते हैं तथा इनमें अन्य पौधों की अपेक्षा 30 गुना अधिक कार्बन डाईऑक्साइड का अवशोषण होता है तथा प्रतिवर्ष हर पौधे में 1 मीटर की वृद्धि होती है, यह रासायनिक उर्वरक मुक्त जंगल होते हैं तथा जैव विविधता का समर्थन करते हैं , पौधरोपण के दौरान बेल, कबीर, गिलोय ,अर्जुन, काला शीशम ,खैर, सीताफल, गुड़हल, कुसुम ,लसोड़ा, पलाश, मीठा नीम ,अमलतास जामुन शीशम आंवला गुलमोहर के पौधे रोप गए हैं
रॉबिन हुड आर्मी के सदस्य प्रतिदिन क्रमबद्ध रूप से जाकर पौधों की देख- रेख करते हैं जिससे उनका विकास हो सके व वे पेड़ बन पाए। आर्मी के समन्वयक यश मित्तल ,तनु बाफना ,नयन राय ,ध्रुव ,अनिमेष ,विराग, वंशिता, तनीषा ,खुशी ,प्रियांशी, सौम्या ,चलना ,श्रद्धा, रिदम ,मृदुल ,लखन ,अंकित आदि देखरेख कर रहे हैंl
