*B B C टाइम्स इन* रतलाम 05 मई – प्रदेश में बढ़ते कोरोना महामारी को लेकर अब प्रदेश देश की बड़ी अदालतें अब सख्त हो गई है एवं अब कोरोना महामारी को लेकर अब मामला स्वयं संज्ञान में ले रही है ।म प्र उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इलाज के अभाव में किसी की भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए । किन्तु माननीय न्यायालय का आदेश पर अमल करने के लिए जिला प्रशासन विफल होते नजर आ रहा है । ऐसा ही एक मामला रतलाम का है जहां एक एडवोकेट की इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई है जिसको लेकर अभिभाषक संघ में कड़ा आक्रोश देखने को मिला एवं अभिभाषक संघ ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर सख्ती से अमल नहीं किए जाने एवं इलाज के अभाव में हो रही मरीजों की मृत्यु को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस को पत्र लिख भेज दिया है ।
इन अधिकारी के विरूद्ध होगी कार्यवाही ।
इस घटना से आहत दुखी होकर एडवोकेट गौरव पांचाल द्वारा रतलाम मेडिकल काॅलेज के डीन डां. जितेन्द्र गुप्ता, रतलाम कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड, सीएचएमओ डां. प्रभाकर ननावरे एवं रतलाम आयुष हाॅस्पिटल के संचालक डां. राजेश शर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के रिट याचिका क्रमांक 8914/2020 में पारित आदेष दिनांक 19.04.2021 का उल्लंघन करने पर इनके विरूद्ध अवमानना की कार्यवाही संस्थित करने के लिए सूचना पत्र मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस को प्रेषित किया हैं।
यह है मामला
जिला रतलाम के एडवोकेट श्री सुरेश डागर का स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हे उनका भाई अनिल डागर एवं मां मोटरसाइकिल से रतलाम मेडिकल काॅलेज में इलाज करवाने के लिए ले गये थे परन्तु उन्हें लगभग दो घंटों तक रतलाम मेडिकल काॅलेज में बेड नहीं मिलने पर उनका भाई व मां उन्हें ग्राम बंजली स्थित आयुष प्राइवेट हाॅस्पिटल लेकर गये थे वहंा पर भी उन्हें बेड नही मिला सैलाना रोड़ से पुनः रतलाम लौटते समय बेड, एंबुलेंस आदि चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में श्री सुरेष डागर द्वारा मोटरसाइकिल पर ही दम तोड़ दिया गया जिससे उनका दुखद निधन हो गया। ।