*B B C टाइम्स इन* रतलाम नामली 20 मार्च धर्म” जोड़ने का काम करता है तोड़ने का नहीं, “धर्म” एक दूसरे को मिलाने काम करता है ,बिखराव का नहीं, “धर्म “सुईं है कैची नहीं ,”धर्म” दरवाजा है दिवाल नहीं उक्त विचार वर्तमान परिस्थितियों को लेकर पंजाब के गोरव राष्ट्रसंत डॉक्टर श्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी महाराज “निराले बाबा” ने सदर बाजार स्थिति जैन उपासरे में दिव्य भारत लाइव न्यूज़ से कहीं उन्होंने कंहा की किसी भी “धर्म” का तिस्कार नहीं करना वर्तमान में मनुष्य एक दुसरे के “धर्म”को लेकर कटाक्ष करता है की यह “धर्म” अच्छा है वह “धर्म” अच्छा है जबकि धार्मिक शास्त्रों एंव गंथों में बताया है की सभी” धर्म “अच्छे है बस उनके सिद्धांतों को स्वीकार करने की जरुरत है जो सिद्धांतों को स्वीकार कर लेता है वह” धर्म “अच्छा हो जाता है जबकि धर्म गंथो के पन्नों में कही भी कटाक्ष की बात नहीं कहीं गई है संसार के सारे मनुष्यों को जातिपाँति से ऊपर उटकर मानवता की मीशाल कांयम करना चाहिए जनसेवा और पशु पक्षियों की सेवा करना चाहिए सभी धर्मों में समन्वय स्थापित करने वाले जैनाचार्य निराले बाबा ने चैनल के संपादक दिलीप कर्णधार का सम्मान किया इस दौरान पारसमाल भंसाली, सुरेन्द्र कोठारी, ओमप्रकाष वाघेला ,राहुल नाहटा रितेश भंसाली ,हर्षित भंसाली लक्ष्य भंसाली, आदि श्रद्धालु उपस्थित थे