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BBC टाइम्स इन उज्जैन 11 मार्च 2021

उज्जैन 11 मार्च 2021। महाकालेश्ववर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बडी धूमधाम के साथ मनाया गया। मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने अलग-अलग कतार में लगकर भगवान महाकाल के दर्शन किये। महाशिवरात्रि पर्व पर जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रशासन के द्वारा व्याापक व्यवस्थाएं की गई थी। अच्छी व्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को सरलता से भगवान महाकाल के दर्शन होने पर श्रद्धालुओं के द्वारा प्रशांसा व्यक्त की गई। महाशिवरात्रि पर्व पर आम दर्शनार्थियों के सहित अन्यं जन प्रतिनिधियों ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। सम्पूर्ण दर्शन मार्ग में मेटिंग बिछायी गयी हैं, जिस पर लगातार पानी का छिडकाव किया जा रहा हैं। साथ ही सभी जगहो पर छाया हेंतु कनात भी लगाये गये है। मंदिर प्रबध समि‍ति के प्रशासक श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी ने पूरे मंदिर की संपूर्ण व्यवस्था की समय-समय पर मॉनिटरिंग कर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियेां को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे।

दोपहर 12 बजे हुआ शासकीय पूजन
महाशिवरात्रि पर्व पर दोपहर 12 बजे परम्परानुसार उज्जैन तहसील की ओर से श्री महाकालेश्वर भगवान का शासकीय पूजन सम्पन्न हुआ। पूजन में संभागायुक्त श्री संदीप यादव, ए.डी.जी. श्री योगेश देशमुख, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल एवं मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं ए.डी.एम. श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी सम्मिलित हुए। पूजन मंदिर समिति के शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा द्वारा करवाया गया।

  

दोपहर मे होगी भस्माआरती

पृथ्वी लोक के अधिपति भगवान महाकाल आज 12 मार्च को पुष्प सेहरा धारण कर श्रद्धालुओं को अपने दिव्य रूप में दर्शन देंगे। वर्ष में एक ही बार महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 12 मार्च को भगवान महाकाल की दोपहर में भस्मार्ती होगी। महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च की प्रात: भस्माार्ती से अगले दिन 12 मार्च की रात्रि को पट मंगल होने तक भगवान महाकाल के पट खुले रहेंगे। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर का सायं 04 बजे होलकर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन हुआ। संध्या आरती 5.30 बजे संपन्न हुई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि, श्री कोटेश्वर भगवान का पूजन रात्रि 8 बजे से 10 बजे पूजन होगा। भगवान महाकाल को रात्रि 10.30 बजे के बाद जलपात्र से जल चढना बंद हो जायेगा तथा महाभिषेक प्रारंभ होगा, जिसमें पंचामृत (दूध, दही, शकर शहद, घी), पॉच प्रकार के फलों के रस, गंगाजल, गुलाबजल, भांग आदि सामग्री के साथ केशर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जावेगा एवं गर्म जल से स्नान किया जवेगा। अभिषेक पश्चात नये वस्र धारण कराकर सप्ताधान्य मुखरविन्द धारण कराया जावेगा। इसके पश्चात सप्तधान्य (चावल, मूंग खडा, तिल, मसूर खडा, गेंहु, जौ, उडद खडा) श्री महाकालेश्वर भगवान को अपर्ण किया जावेगा।
इसके बाद महाशिवरात्रि के अगले दिन 12 मार्च को प्रात: 4 बजे से सेहरा चढना और प्रात: 6 बजे सेहरा आरती होगी। प्रात: 11 बजे से सेहरा उतरना प्रारंभ होगा। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भगवान महाकाल की भस्मार्ती होगी। दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक तक भोग आरती होगी। संध्या पूजन शाम 5 बजे से 5.45 बजे भगवान को जल चढना बंद होगा। शाम 6.30 बजे से 7.15 बजे तक संध्या आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट मंगल होंगे।

                                                                                                                                      
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