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फोटो राकेश पोरवाल

*B B C टाइम्स इन* 10 फरवरी रतलाम भोजन और भजन इन दो शब्दों में केवल मात्रा का फर्क है “भोजन “में मात्रा लगी है जबकि “भजन” शब्द में कोई मात्रा नहीं है इसलिए भोजन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह मात्रा अनुसार हो ताकि शरीर स्वस्थ रहें किंतु जब भागवत पारायण करें तो उसका हिसाब ना रखें उसे ज्यादा खोलकर करें वह मन को पावनतम बनाएगा

उक्त विचार महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद जी सरस्वती ने स्थानीय टीआईटी रोड स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर पर उपस्थित भक्त जनों को संबोधित करते हुए कहे ।

इस अवसर पर अखंड ज्ञान आश्रम के संत देव स्वरूपानंद जी ने कहा कि अंतर मन की शुद्धि अत्यंत आवश्यक है उसके बिना तमाम साधन व्यर्थ हो जाते हैं । नडियाद गुजरात से पधारे संत जगदीशानंद जी ने कर्म ज्ञान और भक्ति की विस्तृत व्याख्या की ।

इसअवसर पर हरिहर सेवा समिति की श्यामा भट्ट , हीराबेन पुरोहित, हृषिता भट्ट ने महिला मंडल के गठन बाबत विचार विमर्श किया । इस दौरान क्षेत्र के रामेश्वर खंडेलवाल मोहनलाल भट्ट ,कैलाश व्यास एडवोकेट , सुभाष दलाल, हिम्मत पापटवाल, राकेश पोरवाल , अनिल जैन ,अनिल पोरवाल , बाबूलाल चौधरी, दीपक पटेल , बंशीलाल मजावदिया सहित क्षेत्रवासी मौजूद थे। संचालन भाजपा नेता मनोहर पोरवाल ने किया l

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