बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 10 जून 2022
नेता बनने के लिये जारी है सभी जतन,,, यूूवाओ मे खासा उत्साह
उज्जैन। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों की तारीखो की घोषणा होते ही अब दावेदार पंचायत एवं नगरीय निकायो मे दावेदारी के लिए अपने अपने आकाओं के यहां टिकट के लिए जुगाड़ लगाने पहुंच रहे हैं शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में यही स्थिति देखने को मिल रही है प्रत्येक दावेदार अपने द्वारा किए गए सामाजिक एवं नैतिक कार्यो और योग्यता के अनुभवो एवं कोरोना काल के दौरान स्वयं के द्वारा की गई सेवाओं की प्रोफाइल बनाकर चुनावी दावेदारी का दम भर रहा है तो वही कुछ दावेदार सोशल मीडिया पर भी अपने पट्ठौ के द्वारा प्रचार प्रसार करते देखे जा रहे हैं आलम तो यह है युवाओं की एक बड़ी संख्या नेता बनने के लिए नेताओ के साथ नेताओ की तरह ही कपड़े सिल्वाके अपने अपने स्लोगन के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे है तो वही कुछ युवा नेता टिकट की जुगाड़ के लिए सुबह शाम पार्टी कार्यालयो एवं नेताओ के बंगलो के चक्कर लगा रहे है। दरअसल इस बार दावेदारो को चुनावी घमासान मे तैयारी करने के लिए कोरोना के कारण पर्याप्त समय मिल पाया है इसीलिए हर एक दावेदार अपनी दावेदारी प्रबल रूप से पेश कर रहा है
चाय के ठिये बने चर्चा का केंद्र
जून में नौतपा के बाद गर्मी अपने पूरे चरम पर है लेकिन शहर मे मौसम की गर्मी के साथ-साथ राजनीतिक एवं सियासी माहौल भी गर्म है सुबह- शाम में कई छुटभैये नेताओं को चाय की चुस्कियो के बीच फलाना फलाना लोगों के विजय गुणगान गाते हुए देखा जा सकता है वहीं कुछ लोगो को प्रत्यक्षीयो के हार जीत पर दाव लगाते भी देखा जा सकता हैं।
कर रहे शक्ति प्रदर्शन
कई युवा दावेदार इस बार शहर एवं चुनाव मे अपना वर्चस्व दिखाने के लिये राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियो में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और अपनी मित्र मंडलियों के साथ उपस्थित होकर अपना दमखम दिखा रहे हैं ताकि पार्टी इनकी कार्य शैलियों को देख इन्हें टिकट प्रदान करें और ये युवा चुनाव में विजय का परचम लहराये।
युवाओ पर भरोसा
वर्तमान पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों द्वारा युवाओं पर अधिक भरोसा जताया गया है इसीलिए युवा भी अपनी-अपनी दावेदारी अलग अलग तरीके से पेश कर टिकट की लालसा में अपने आकाओं को टिकट दिलवाने के लिये मंथन कर रहे हैं तो वही कुछ नेता पारिवारिक मोह मे भी अपने बच्चों के टिकट के लिए प्रयासरत हैं। अब देखना यह है की पार्टी का युवा फार्मूला कहां तक सटिक बैठता है और ऊट किस ओर करवट बदलता है खैर अगले अंक में फ़िर चुनावी चौपाल के साथ में शहर की गतिविधियों के साथ पेश होंगे।