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आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी – महन्त रवीन्द्रपुरीजी महाराज

विभिन्न धार्मिक सामाजिक संस्थाओं ने महन्तश्री का स्वागत किया

*B B C टाइम्स इन* रतलाम 28 नवम्बर 2021। विधि के अनुसार कार्य कर अपने जीवन को समाज की सेवा में लगा देना ही विधायक का दायित्व होता है। रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप यह कार्य बखुबी कर रहे है। शहर विकास के लिए उनके प्रयास सराहनीय है। वर्तमान समय में आधुनिक शिक्षा अनिवार्य है, लेकिन भारत में प्राचीन संस्कृति एवं संस्कारों का बहुत महत्व है। इसलिए शिक्षा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। संस्कारों के साथ दी जाने वाली विद्या ही विद्या है। रतलाम में विधायक श्री काश्यप ने इसी पुनित उद्देश्य को लेकर अहिंसा ग्राम की स्थापना की है। वे रतलाम के अगले प्रवास में अहिंसाग्राम का भ्रमण अवश्य करेंगे।

उक्त विचार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के नवनियुक्त अध्यक्ष महंत श्री रवीन्द्र पुरीजी महाराज ने व्यक्त किए शनिवार को विधायक चेतन्य काश्यप के निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे इस दौरान महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानन्द सरस्वतीजी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी आत्मानन्दपुरीजी महाराज, महामण्डलेश्वर महेश्वरानन्द पुरीजी महाराज, स्वामी पुरूषोत्तमानन्दजी सरस्वती एवं स्वामी सहजानन्दजी महाराज मौजूद थे।

महन्तश्री रवीन्द्रपुरीजी महाराज ने कई जैनाचार्यों व संतों से जुड़े प्रसंगों पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि सभी धर्म और पंथ का सार एक ही है। संतों के लिए समदृष्टि होना चाहिए। विधायक काश्यप द्वारा धर्म, समाज एवं शहर के लिए किए गए कार्य उनकी कर्मठता के प्रतीक है।

महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वतीजी महाराज ने कहा कि विधायक काश्यप के कर्मों, स्वभाव एवं संकल्पों का ही प्रभाव है कि आज इतने संतों का एक साथ उनके निवास पर पदार्पण हुआ है। उनके द्वारा स्थापित अहिंसाग्राम जैसे संकल्पों की पूरे भारत में आवश्यकता है। समाज, लोगों एवं कर्तव्य की दृष्टि से विधायक काश्यप जितने सक्रिय है, यदि राजनीति से जुड़ा हर व्यक्ति उतना सक्रिय हो जाए तो भारतवर्ष को बदलने में वक्त नहीं लगेगा। हिन्दू समाज में जैन हो, सनातन हो सबके पंथ भले ही अलग है, लेकिन मूल में भारत की संस्कृति ही बसी है।

संतों के आशीर्वाद से पूरे होते है लक्ष्य – विधायक काश्यप
महन्तश्री के पदार्पण अवसर पर विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि संतों का सांनिध्य सौभाग्य से मिलता है। संतों को आशीर्वाद रहे तो लक्ष्य अवश्य पूर्ण होते है। महन्तश्री रवीन्द्र पुरीजी महाराज का आगमन एक नई ऊर्जा देगा और वे नई ताकत के साथ अपने संकल्पों के कार्य करेंगे। उन्होंने कहा भारत ऋषि और कृषि का देश है। वे राजनीति में गुरूदेव श्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी महाराज के आशीर्वाद और आचार्य महाप्रज्ञजी की प्रेरणा से आए थे

विधायक ने बताया कि उन्होंने आवास, आजीविका, शिक्षा और संस्कार के संयुक्त प्रकल्प के रूप में अहिंसाग्राम की स्थापना की थी, क्योंकि उनका मानना है कि जब तक व्यक्ति का वातावरण नहीं बदलता है तब तक उसका विकास नहीं होता है। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 2004 में उन्होंने आवास के अधिकार पर पुस्तक लिखी थी और सौभाग्य से आज आवास सबकी प्राथमिकता बन गया है। म.प्र. मंे जब आवास के अधिकार का कानून बनाया गया तो विधानसभा में सबसे पहले बोलने का अवसर उन्हें मिला। संकल्पों के साथ संतों का आशीर्वाद लक्ष्य पूर्ण करने में मददगार रहा है।

विधायक काश्यप के यहां पदार्पण पदरावाणी के दौरान महंत श्री और संत समुदाय का शहर की विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने सम्मान किया। सकल जैन समाज की ओर से प्रकाश मूणत, महेन्द्र चाणोदिया, रंगलाल चौरड़िया, निर्मल लुनिया, महेन्द्र बोथरा, डॉ. नरेन्द्र मेहता, सुशील छाजेड़, अशोक तांतेड़, अभय लुनिया, सुनील ललवानी, विरेन्द्र गांधी, चन्द्रकांत माण्डोत, प्रकाश पटवा, मंगल लोढा आदि ने महन्तश्री का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया।

जिला भाजपा, श्री कालिका माता सेवा मण्डल ट्रस्ट, श्री मेहंदीकुई बालाजी न्यास, श्री बरबड़ हनुमान मंदिर न्यास, श्रीमहारूद्र यज्ञ समिति त्रिवेणी, श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट, श्री गोपालजी का बड़ा मंदिर न्यास माणकचौक, मानव सेवा समिति, नित्यानंद धाम आश्रम, गोपाल गौशाला न्यास, समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ, गायत्री परिवार, पतंजलि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गढ़कैलाश महादेव भक्त मण्डल, श्री हरिहर सेवा समिति, श्री सनातन सोश्यल ग्रुप एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी महन्तश्री का स्वागत किया। संचालन मनोहर पोरवाल ने किया

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