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*B B C टाइम्स इन* रतलाम 28 नवंबर महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद जी सरस्वती का कहना है कि भगवान अवतार हमारे लिए लेते हैं। यदि अवतार नहीं लिया होता तो हम लीलाएं किसकी सुनाते, पूजा किसकी करते, ध्यान किसका करते? हमारा धर्म किसी भी दुराग्रह से मुक्त है आप साकार माने तो वह साकार है और निर्विकार माने तो निर्विकार। जिस रूप में देखना चाहे उसी रूप में वह आराध्य है।


महामंडलेश्वर चिदंबरानंद जी कालिका माता मंदिर परिसर के भागवत कथा का वाचन कर रहे थे स्वामी जी ने श्रीमद् गीता का संदर्भ देते हुए कहा कि आप जिस रूप में ईश्वर को स्मरण करे, उसी रूप में वह है। सदा प्रसन्न रहना सीखें। भक्त कभी भी दुखी नहीं होता। मीरा दुखी नहीं थी। जरा सोचिये मीरा दुखी होती तो गाती या नृत्य करती।

प्रारंभ में भागवत जी का पूजन पूजन विश्वदीप–गायत्री टंडन ने किया। डा. कन्हैयालाल कपूर, उषादेवी, राजू, प्रतिभा कपूर, राजेश किरण कपूर, केबी व्यास, श्याम टंडन, ऋतु जलोरा, किरण सहगल, कविता कक्कड़, कैलाश, हरीश, संजय, वाल्मीकि सनातन धर्मसभा के पं. शिवपाल छप्री, मिथिलेश खंडेलवाल, जया शर्मा, अाशा उपाध्याय, श्रीनिधि खंडेलवाल, नीलम बिंदल, जय कैला माता शैक्षणिक समिति के ब्रजेश व्यास, दुष्यंत व्यास, विजय शर्मा, अभिषेक व्यास, कमलेश पाटीदार, हैप्पी, जीके शर्मा, भवानीशंकर तिवारी, जेएन दीक्षित, विजेंद्रसिंह राजावत अादि ने स्वामी जी का स्वागत किया। संचालन कैलाश व्यास ने किया।

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