*B B C टाइम्स इन* 17 जुलाई रतलाम से झाबुआ जाने वाली जर्जर सडक़ पर की जा रही टोलवसूली को लेकर लगातार विवाद की स्थितियां बन रही है। बिना सडक़ बनाए टोल वसूली की जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। दूसरी ओर टोल पर तैनात कर्मचारी टोलवसूली के लिए गुण्डागर्दी करने से भी बाज नहीं आते। गुजरात से आ रहा एक परिवार आज टोलकर्मियों की गुण्डागर्दी का शिकार बन गया। टोलकर्मियों ने चमारिया नाका चौराहे पर गुजराती परिवार के साथ जमकर मारपीट की और उसके वाहन को भी क्षतिग्र्रस्त कर दिया। माणकचौक पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के लीमडी में रहने वाले प्रवीण पिता पूनमचंद सोनी 41 अपनी पत्नी बच्चों व एक मित्र वीरेन्द्रसिंह राठौर के साथ अपनी इनोवा क्रिस्टा गाडी से लीमडी से रतलाम आ रहे थे। प्रात: करीब ग्यारह बजे जब वे तीतरी स्थित अधूरे बने टोल बूथ पर पंहुचे तो टोलकर्मियों ने उनसे टोल मांगा। जब श्री सोनी ने पूछा कि सडक तो जर्जर है,ऐसे में टोल कैसे वसूल रहे हो? इस पर टोलकर्मी उनसे अभद्रता करने लगे और उनके साथ मारपीट करने के लिए तैयार हो गए। श्री सोनी ने टोल की राशि भी चुका दी थी,लेकिन टोलकर्मियों को हमलावर होते देख श्री सोनी ने वहां से गाडी भगा दी। जब श्री सोनी गाडी लेकर टोल से निकल भागे तो टोलकर्मियों ने उनका पीछा किया और चमारिया नाका चौराहे पर उन्हे रोक कर लाठी डण्डों से उनके साथ मारपीट की। श्री सोनी के साथ उनकी पत्नी व बच्चे भी थे,जो इस हमले को देखकर घबरा गए और रोने लगे। हमलावरों ने श्री सोनी और उनके मित्र वीरेन्द्र सिंह की पिटाई की और वाहन के शीशे भी तोड दिए।
पिटाई से बदहवास श्री सोनी बाद में माणकचौक थाने पंहुचे,जहां उन्होने पूरी घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि श्री सोनी मध्यप्रदेश के एक भाजपा जिलाध्यक्ष के निकट सम्बन्धी है।
उल्लेखनीय है कि उक्त टोल वसूली को लेकर पूर्व में स्थानीय ग्र्रामीणों ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी और विवाद बढने पर टोल वसूली रोक दी गई थी,लेकिन एक ही दिन बाद टोल वसूली फिर से शुरु कर दी गई। जर्जर सडक़ होने के बावजूद हो रही टोल वसूली से इस मार्ग से गुजरने वाले तमाम यात्री परेशान है। जनप्रतिनिधि भी इस मामले में सक्रिय नजर नहीं आ रहे है। रतलाम ग्र्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने पिछले दिनों भाजपा की प्रेसवार्ता के दौरान टोल वसूली रुकवाने की बात कही थी,लेकिन इसके बाद वे भी निष्क्रिय हो गए और टोलवसूली दादागिरी के साथ चालू हो गई।