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BBC टाइम्स इन उज्जैन 16 जुलाई 2021

उज्जैन। नगर पालिक निगम उज्जैन अपनी कारगुजारी के कारण हमेशा से ही सुर्ख़ियों में बना रहता है निगम का कोई सा भी विभाग हो जनता को अपना या सार्वजनिक कोई सा भी कार्य करवाने के लिये परेशानियो से रुबरु होना कोई नई बात नही है।लेकिन यहा के आवारा पशु गैंग विभाग की जितनी तारिफ की जाये उतनी ही कम होगी यह विभाग अपना कार्य कभी भी पुर्ण रुप से नही करता ओर यदा कदा करता भी है तो सड़को पर वाहनो से गैंग के साथ मे चलते हुए पशु मालिको से साठगाठ कर कार्य की इतिश्री कर देता है तभी तो इतने सालो से न तो शहर से आवारा पशु हटे ओर नही पशु मालिको के अवैध बाड़े।कई मर्तबा शहर मे गम्भीर हादसे भी हुए लेकिन वही कुश दिन की दिखावटी कार्यवही के बाद वही स्थिति।

शहर के सिन्धी कालोनी चौराहे से लेकर यंत्र महल मुख्य मार्ग पर ही आवारा मवेशियो को बड़ी मात्रा मे सड़को के बिचौबीच विचरण करते हुए देखा जा सकता है गिडवानी उद्यान के बाहर तो इनका जमावड़ा लगा रहता है सब्जी के ठेले वाले भी यही पर सब्जी का कचरा फेक देते है जिससे मवेशियों का जमघट लगा रहता है कई मर्तबा तो इनके कारण ट्राफीक जाम तक हो जाता है ओर कई बार तो वाहन चालक दुर्घटना तक का शिकार हो जाते है ओर निगम को बरा भुला बोल अपने मन को शान्त कर देते है लेकिन समस्या है जो जाने का नाम ही नही लेती।

कई जनप्रतिनिधी आये और गए,कितने ही प्रशासनिक अधिकारियो का तबादला या रिटायरमेंट हो गया लेकिन किसी ने भी शहर की इस गम्भीर समस्या की ओर रुचि नही दिखाई सभी ने इसकी अनदेखी ही की।जिसके कारण आज सड़को पर इनका ही राज नजर आ रहा है और हमारे स्मार्ट सिटी उज्जैन शहर की सुंदरता मे यह चार चांद लगा रहे है।कौन कहेगा की ये स्मार्ट सिटी है । करोड़ो रूपये के कार्य हो रहे है इसके लिये भी कोई योजना निगम को बनानी चाहिये। निगम आयुक्त को जल्द ही इस खबर पर संज्ञान लेते हुए शहर मे आवारा मवेशियो के विरुद्ध मुहिम शुरु करनी चाहिये ओर मुहिम का मजाक बनाने वाले कर्मचारियो पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये ताकी शहर की सड़के मवेशी मुक्त हो सके व जनता के बीच निगम की छवि धूमिल न हो।

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