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*B B C टाइम्स इन* रतलाम 01 जुलाई। भारतीय संस्कृति ने विश्व को दिशा दी है। वर्तमान समय चुनौतीपूर्ण चल रहा है । इस चुनौती का मुकाबला हमें मिलकर करना होगा ।शिक्षा दान महादान है ।श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ मे शिक्षा के साथ भारतीय संस्कार भी दिया जा रहे हैं यह उल्लेखनीय है ।

यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह आशुतोष शर्मा ने बुधवार को ब्राह्मणवास स्थित श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में 13 वे स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए । श्री शर्मा ने कहा कि सामाजिक विद्यालय संचालित करना आसान नहीं है। हमारी भारतीय संस्कृति मे गुरु शिष्य परंपरा का विशेष महत्व है । श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में इसी परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यापीठ अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने कहा कि श्री सिखवाल समाज देवस्थान न्यास के नेतृत्व में विद्यापीठ निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। वरिष्ठ न्यासी लेहरुलाल व्यास मंचासीन थे । प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती एवं श्री महर्षि श्रृंग के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अतिथियों का स्वागत प्रधानाध्यापिका शिल्पा राठौड़ ने किया । स्वागत उद्बोधन सह
सचिव सतीश त्रिपाठी ने दिया । इस अवसर पर श्री शर्मा का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। संचालन शिक्षिका मोनिका पवार ने किया तथा आभार सदस्य अनिल पांड्या ने माना ।कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अरुण त्रिपाठी न्यासी मनोहरलाल पंड्या, शिक्षिका प्रज्ञा जोशी एवं संगीता शर्मा उपस्थित थे।

50 वी वर्षगांठ पर दिया सहयोग

कार्यक्रम में विवाह की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पूर्व सैनिक एवं शिक्षा समिति सदस्य विरेंद्र सुमन त्रिपाठी द्वारा विद्यापीठ के विकास के लिए ₹11000 का आर्थिक सहयोग दिया गया।

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