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*B B C टाइम्स इन* रतलाम 28 जून सामान्य तौर पर कृषि भूमि पर कृषि भूमि से भिन्न प्रयोजन हेतु सर्वप्रथम डायवर्सन एवं अप्रूव नक्शा एवं सक्षम कार्यालयों की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होती है परंतु अवैध कॉलोनाजर नियमो को ताक पर ऱखकर सीधे कृषि भूमि के धारको से अनुबंध कर कृषि भूमि धारक के खाते पर ही कृषि भूमि को प्लाटो के रूप में विभक्त कर विक्रय कर विक्रय पत्र का पंजीयन करवा देते है

कॉलोनाइजर अपने हिस्से का भाग लेकर अलग हो जाते है एवं अवैध कालोनी के संबंध में पूछे जाने पर बड़ी चालाकी से अवैध कॉलोनी को कॉटेज का नाम दे देते है एवं उक्त कॉटेज धीरे धीरे टुकड़ो के रूप में विक्रय कर दिया जाता है और उक्त कॉटेज कॉलोनी के रूप ले लेते है जिससे कई बार देखने मे आता है कि अप्रूव नक्शा ना होने की दशा में एक ही प्लांट को दो लोगो को विक्रय कर दिया जाता है जिससे भविष्य में विवाद की स्थितियां उत्पन्न हो जाती है

इसी बीच रतलाम शहर की भूमि सर्वे क्रमांक 863/1 कनेरी रोड़ रतलाम पर स्थित जो वर्तमान में राधाबाई राकेश एवं विशाल शर्मा के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है उक्त भूमि पर सीसी रोड और पाकी बाउंड्रीवाल तथा चारो और लाइट के पोल का कार्य किया जाकर उक्त कृषि भूमि को प्लाटो के रूप में विभक्त कर विक्रय किया गया

अधिवक्ता रोहित शर्मा द्वारा कलेक्टर कार्यालय में किये जा रहे निर्माणधीन सीसी रोड़ प्लानिंग के जानकारी चाही गई तो कलेक्टर कार्यालय रतलाम द्वारा दिनांक 17-06-2021 को नगर पालिका निगम रतलाम,नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय रतलाम तथा कर्यालय अनुविभागीय अधिकारी से जानकारी एकत्र कर प्रदान की गई जिसमें उल्लेख किया गया है कि अधिवक्ता द्वारा मांगी गई जानकारी स्वीकृत एवं संधारित ना होने से दिया जाना संभव नही है।

जानकारी प्राप्त होते ही अधिवक्ता रोहित शर्मा ने जिलाधीश एवं प्रशासक नगर पालिका निगम रतलाम को पत्र भेज कर विधिवत कार्यवाही किये जाने हेतु तथा भूमि धारकों के बैंक के खातों के स्टेटमेंट तलब करने तथा प्रत्येक आदान-प्रदान राशी को जांच करवाई जाने का उल्लेख कर उक्त भूमि धारकों के साथ लिप्त कॉलोनाजरो पर विधिवत कार्यवाही किये जाने हेतु प्रेषित किया गया।

उक्त पत्र की प्रतिलिपी आयुक्त नगर पालिका निगम रतलाम, पटवारी/तहसीलदार रतलामशहर,जिलाधिकारी वन विभाग को भी भेजी गई। गौरतलब है कि इसी सर्वे क्रमांक की भूमि पर पूर्व में भी इसी प्रकार कॉटेज के नाम से कृषि भूमि को प्लाटो के रूप में विभक्त कर विक्रय किया गया था जिसपर वर्तमान में अनेको भवन व्यावसायिक/आवासीय रूप ले चुके है

अधिवक्ता ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रशासन इस पर ठोस कदम उठाकर कार्यवाही करेगा क्योकि उक्त कृत्य मध्यप्रदेश मुंसिपालिटी एक्ट 1961 की धारा 339 C एवं इस प्रकार के अवैध कॉलोनी पर कार्यवाही ना करने पर इसी अधीनियम की धारा 339-G के अंतर्गत दंडनीय अपराध है जिसमे माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश का पूरन सिंह वाला मामला भी अवलोकनीय है एवं यदि इस पत्र पर प्रशासन कार्यवाही नही करता है तो अधिवक्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की जाएगी।

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