*तुषार शर्मा की रिपोर्ट*
रतलाम — श ह र के प्राचीन अमृत सागर तालाब के सौन्दर्य करण के कार्य पर लगे 5 माह से अंकुश पर अब जनता को उम्मीद की नई किरण जग सकती है । कई वर्षो से विभिन्न संगठनों की ओर से किए गए प्रयास विफल हुए है किंतु अब कार्तिक अखाड़े द्वारा तालाब के सौंदर्य के लिए गए संकल्प को पूरा करने में लगा हुआ हुआ 157 दिनों से चलाई जा रही धर्म ध्वजा यात्रा पर अभी तक विराम नहीं लगा है ।
कार्तिक अखाड़े ने बताया की प्राचीन धरोहर अमृत सागर तालाब का सौंदर्यकरण जब तक नही हो जाता तब तक धर्म ध्वजा यात्रा पर विराम नहीं लगाया जाएगा । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एलान के बाद भी जिला प्रशासन सीएम श्री चौहान की बात पर अमल होने में रुचि नही दिखा रहा है । कार्तिक अखाड़े ने अब कानूनी कार्यवाही के लिए एडवोकेट विकास सोनी के माध्यम से प्रदेश के राजस्व प्रमुख सचिव , ओर रतलाम कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम , एसडीएम अभिषेक गहलोत , तहसीलदार , नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झरिया तक को न्यायलय कार्यवाही के लिए नोटिस थमा दिया है जानकारी अनुसार प्राचीन धरोहर अमृत सागर तालाब राजा महाराजाओं के काल से बना हुआ है । जिसकी दशा आज बहुत ही खराब हो चुकी है
एडवोकेट विकास सोनी के माध्यम से दिए गए कानूनी नोटिस में बताया गया की
जलीय जीव, और मानव स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुवे कार्तिक अखाड़े द्वारा और सामाजिक कार्यकर्ता जोहर हुसैन सैफी की ओर से प्रदेश से लेकर जिले ओर श ह र के जिम्मेदारो को नींद से जागने के लिए कानूनी कार्यवाही का नोटिस थमा दिया हैं।
अमृत सागर तालाब श ह र की प्राचीन धरोहर के रूप में जाना जाता है । तालाब के रोड के पास एक छोटा तालाब भी है जिसकी दशा एक गंदे नाले के रूप में दिखाई दे रही है । तालाब के किनारे बने श्री गणेश जी , शिव जी , हनुमान जी ,शनि देव जी और अन्य हिंदू धर्म के धार्मिक स्थल और समाधि बनी हुई है । जो को रतलाम की जनता की आस्था का केंद्र गई यह सेकडो लोग मंदिरों में दर्शन को आते है । शासन से हर साल जिला प्रशासन को 10 से 15 लाख रूपये तालाब के रख रखाव के लिए दिए जाते है किंतु अभी तक तालाब में जमी हुई जल कुंभी नही हटाई गई । अमृत सागर तालाब का जल मानव स्वास्थ पर बहुत ही हानिकारक साबित होता नजर आ रहा है । तालाब किनारे मंदिर है जिस पर सावन माह और अन्य दिनों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है ।भक्तो का बड़ी संख्या में मंदिरों में आना जाना रहता है , तालाब में स्थित जलीय जीव को भी तालाब के गंदे जल से हानि पहुंच रही है। इसे जल्द से जल्द सही करवाना अति आवश्यक है ।
शासन द्वारा अमृत सागर तालाब के सौंदर्य करण के लिए 22 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी हुई है ओर 6 करोड़ लगभग की राशि रतलाम निगम को मिल चुकी है किंतु अभी तक उक्त राशि का क्या हुआ किसी को कुछ पता नहीं । ना ही राशि मंजूर होने के बाद अभी तक कार्य शुरू हो चुका ।
अब देखते है की क्या जिला प्रशासन कार्तिक अखाड़े की ओर से दिए गए नोटिस पर कार्यवाही करेगा या अदालती कार्यवाही की प्रतीक्षा करेगा