संग्रहालय करोड़ों का, पुरासंपदा पड़ी कबाड़े में- डॉ. अवधेशपुरी महाराज
पहले हिंदुओं के संवैधानिक मूल अधिकारों से और अब इतिहास से खिलवाड़- डॉ. अवधेशपुरी महाराज
उज्जैन। 400 करोड़ की लागत से होने वाले महाकाल मंदिर के विकास कार्यों में खुदाई में निकली ऐतिहासिक गौरव की पुरासंपदा कबाड़े में उपेक्षित पड़ी है। पहले हिंदुओं के संवैधानिक मूल अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर हिंदू मठ मंदिरों का सरकारीकरण किया और अब शासन प्रशासन हिंदुओं के ऐतिहासिक धरोहरों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। 10 दिन पहले निकाली पुरासंपदाओं को संरक्षित करने के लिए मंदिर प्रशासन के पास पुरासंपदा को उठाने के लिए मशीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। करोड़ों की लागत से बने महाकाल संग्रहालय को महाकाल की पगड़ी की प्रदर्शनी के रूप में उपयोग किया जा रहा है तथा ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर अन्नक्षेत्र व हरसिध्दि धर्मशाला में कबाड़े में उपेक्षित पड़ी है।
यह बात परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने महाकाल मंदिर के निर्माण कार्य की खुदाई में निकल रही पुरासंपदा के निरीक्षण उपरांत कही।
महाराजश्री ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि सन् 724 में अमीर जुन्नेद ने सन् 1025 में महमूद गजनी ने तथा 1234 में दिल्ली के सुल्तान समसुद्दीन इल्तूतमिस ने उज्जैनी पर आक्रमण करके यहां के सौंदर्य का ध्वंश किया था। परमार वंशीय राजा जय तुंगदेव ने इसका जीर्णोध्दार कराया। आश्चर्यजनक है कि शाहजहां आलमगीर तथा औरंगजेब आदि मुगल शासकों द्वारा नंदादीप की अखंड ज्योति हेतु 4 सेर घी की सन देंकर के महाकाल की पूजन परंपरा को पोषित किया। वर्तमान में निकल रहे भग्नावशेष उसी काल के प्रतीत होते हैं (जैसा कि उज्जैनी अक्षर ऐश्वर्य के लेखक प्रो. रमेश दीक्षित ने बताया)।
महाराजश्री ने कहा कि मंदिर प्रशासन महाकाल के अंदर एक भव्य संग्रहालय एवं शोध केन्द्र की स्थापना कर महाकाल के ऐतिहासिक गौरव को संरक्षित करें जिससे कि भविष्य में आने वाली पीढ़ियां इस पर शोध कर सकें एवं अपने इतिहास को जान सकें। अब हिंदू समाज इस प्रकार की लापरवाहियों को स्वीकार नहीं करेगा। प्रशासन ने पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित नहीं किया तो एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस अवसर पर महाराजश्री के साथ धर्मजागरण के प्रांत परियोजना प्रमुख कुलदीपक जोशी, विश्व हिंदू परिषद के संभाग मंत्री महेश तिवारी, महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद्र जूनवाल, विकास प्राधिकरण के इंजीनियर केसी पाटीदार एवं प्रमोद दुबे आदि मौजूद रहे।