BBC टाइम्स इन उज्जैन 15अक्टूबर।
उज्जैन।नगर निगम द्वारा 18 माह बित जाने के बाद एक बार फ़िर सिटी बस चलाने की सूद ली है इसके लिये निगम ने टेंडर जारी करके डिपो मे खड़ी बसो को मरम्मत के बाद 30 बसें उपनगरीय व 20 बसों को शहर के छह रूट पर चलाने की योजना तैयार की है।ओर टेंडर भी पुराने आपरेटर को ही फ़िर से मिला है इनमे से 8 सीएनजी बसों को बेकार मानकर उपयोग में नहीं लेंने की बात अपर आयुक्त द्वारा की गई है।
उल्लेखनीय है की शहर और उपनगरीय बस सेवा के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत 2009 में 6 करोड़ रुपए खर्च कर शुरू हुई सिटी बसों का लाभ लंबे समय तक नागरिकों को नहीं मिला। नगर निगम ने यूसीटीएसएल के जरिए इन्हें निजी हाथों में सौंपा। 31 मार्च 2019 को बसें वापस भी ले ली। तब दावा किया था कि अब निगम खुद इन्हें चलाएगा। बसें नानाखेड़ा बस स्टैंड पर खड़ी करवा दी। उसके बाद मक्सी रोड के वर्कशॉप में धूल खा रही हैं। 18 महीने बाद नगर निगम ने फिर से सिटी बसों का संचालन निजी हाथों में सौंप दिया है। इसके लिए निगम टेंडर खोले थे। जिसमें बसें उसी ऑपरेटर के हाथाें में चली गई हैं। अफसरों का दावा है कि मरम्मत के बाद डेढ़ महीने में बसें सड़क पर दिखाई देंगी।
पहले जो सपने दिखाए थे, अब पूरे होने की उम्मीद
बसें जीपीएस कंट्रोल रूम से जुड़ेंगी।
कैमरे लगेंगे, एनाउंसमेंट भी होगा।
सिटी बस का एप होगा, जिस पर बस का टाइम-टेबल, बस स्टाॅप पर बस कब, किस रूट की आएगी, कितनी सीट खाली हैं।
मासिक पास बनाएंगे। इसके लिए नानाखेड़ा व टॉवर पर काउंटर रहेंगे। दिव्यांग, विद्यार्थी व महिलाओं को किराए में छूट दी जाएगी।
30 बसें शहर के बाहर, 20 अंदर चलाएंगे
निगम अफसरों के अनुसार 50 डीजल बसों का संचालन किया जाएगा। मरम्मत के बाद 30 बसें उपनगरीय मार्गों पर और 20 शहर के छह रुटों पर चलाई जाएंगी। सीएनजी बसों को बेकार मानकर वर्कशॉप में ही रखा जाएगा। 12 अगस्त 2017 को इसकी रि-लांचिंग के लिए सरकार नेे पांच करोड़ दिए थे। तब अफसरों ने भरोसा दिलाया था कि अब हर रूट पर बसें चलेंगी। इसके बावजूद केवल बसों की धूल-मिट्टी हटाकर उन्हें सड़क पर उतार दिया। न तो सिटी बसों का नया टाइम टेबल जारी हुआ न ही निगम प्रशासन की ओर से नई सुविधाओं की घोषणा की गई। देवासगेट, नानाखेड़ा और तपोभूमि से आरडी गार्डी तक दो रूटों पर 10 बसें चलाईं। जनवरी 2010 में 39 सीएनजी बसों के साथ शहर को सिटी बस की सुविधा दी गई थी।
सिटी बस फिर से चलाने का प्रयास
सिटी बस को फिर से चलाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके टेंडर हो गए हैं। वर्कशॉप में लंबे समय तक रखने से इन्हें मरम्मत के बाद सड़क पर आने में डेढ़ महीना लग सकता है।
आरपी मिश्रा, अपर आयुक्त नगर निगम