Thu. Jun 19th, 2025

*B B C टाइम्स इन* रतलाम 15 अप्रैल संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य को यज्ञ कुंड की समिद्या की तरह से करते हैं। देश भर में चाहे वह रेल दुर्घटना हो, भूकंप हो या फिर बाढ़ के हालात हों, सभी स्थानों पर संघ के स्वयंसेवकों ने अपने आपको तन मन और धन से समर्पित किया है । संघ की सेवा में किसी के प्रति कोई भेद भाव नहीं, सबको अपना मानकर ही सर्व समर्पण का भाव ही प्रधान पक्ष होता है। संघ के पुरे देश में लाखों सेवा कार्य चल रहे । लेकिन इन सेवा कार्यो की चर्चा सार्वजनिक नही हो पाती है । क्योकि संघ सेवा कार्य निश्वार्थ भाव से करता है न कि दिखावे के लिए इसलिए कहते है “निश्वार्थ समाजसेवा ही संघ का मूलमन्त्र है” संघ के स्वयंसेवको का ऐसा ही समर्पण गत वर्ष से वैश्विक कोरोना आपदा में देखने को मिल रहा है, अभी रतलाम के भक्तन की बावडी स्मशान मे देखने को मिला, यहाँ अचानक शवों के दाहसंस्कार मे वृद्धी होने से लकडियों की कमी पडने का अंदेशा था, मुक्तिधाम के व्यवस्थापक भी चिंतातूर थे, यदि भविष्य में और अधिक शव आये तो असुविधा हो सकती है।

संघ के विवेक जायसवाल ने B B C टाइम्स इन को बताया कि स्वयंसेवको को इस बात कि जानकारी होते ही रतलाम जिले के ग्रामीण क्षैत्रों मे खंड व मंडल स्तर पर शाखा टोलियाँ इस दिशा में सक्रिय हुई

शाखा टोली के स्वयंसेवकों ने गांव-गांव घर-घर जाकर बिना किसी भेदभाव के स्वजन बंधुओं से मुक्तिधाम में शवों के अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी समर्पित करने का आग्रह किया ग्रामीण जनों ने इस निस्वार्थ सेवा को सहर्ष स्वीकार करते हुए अपने खेत खलियानों से सूखे हुए लकड़ी के ठूंठ, कुंदे, टुकड़े स्वयंसेवकों को दिए

स्वयंसेवकों ने अपनी अपनी शाखा क्षेत्रों से स्वयं की ट्रैक्टरों मैं उन्हें भरकर रतलाम मुक्तिधाम में लाकर अग्नि संस्कार हेतु समर्पित कर दियें । नामली और धराड़ तहसील की 25 शाखाओं ने अभी तक 30 ट्रेक्टर ट्राली लकडी मुक्तिधाम में पहुँचा दी। जिसमे प्रमुख धराड, रुपाखेडा, सिमलावदा, बिलपांक, मथुरी, नगरा, बांगरोद, शिवपुर, पल्दुना, हतनारा, पंचेड आदि स्थानों से लकडियाँ समर्पित की गयी और भविष्य में भी स्वयंसेवक देश में आई हर तरह की आपत्ति विधाओं में अग्रणी भूमिका में समाज की सेवा करते हुए खड़ा मिलेगा ।

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