Sat. Jun 21st, 2025

BBC टाइम्स इन उज्जैन 13 अप्रैल 2021

उज्जैन. माता की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि के मंगलवार से शुरू होने के बावजूद कोरोना वायरस महामारी का साया आस्था पर भी साफ दिख रहा है. ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के ठीक पीछे स्थित 51 शक्ति पीठो में से एक माता हरसिद्धि का मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है इसलिए दूरदराज के इलाकों तक से यहां श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते रहे हैं. लेकिन इस साल कोरोना गाइडलाइन्स के कारण माता के दर्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ.

प्रमुख शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर की कीर्ति सिर्फ उज्जैन ही नहीं, बल्कि देश भर में है. लेकिन इस साल स्थितियों को देखते हुए फैसला लिया जा चुका है कि भीड़ न जुटे इसलिए मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रवेश न दिया जाए.चैत्र नवरात्रि माता के भक्तों के लिए आस्था का महत्वपूर्ण समय होता है और बताया जाता है कि इस दौरान कुछ श्रद्धालु गुप्त आराधना भी करते हैं.इसी कारण हरसिद्धि मंदिर के पुजारियों से लेकर कई पुजारियों ने सलाह दी है कि श्रद्धालु माता की आराधना 9 दिनों तक घर पर रहकर ही करें. लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और संक्रमण की स्थिति से मिलकर जूझने की अपील मंदिरों के साथ ही प्रशासन द्वारा भी की जा रही है.

नवरात्रि में घर पर ऐसे करें पूजन
इस बार प्रदेश के कई शहरों में लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद हैं. उज्जैन की बात करें, तो प्रसिद्ध हरसिद्धि माता मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते रहे हैं लेकिन इस बार संक्रमण के बेकाबू होने के चलते घर पर रहकर ही पूजन अर्चन करना होगा. हरसिद्धि मंदिर के पुजारी राजेश पुजारी ने बताया कि घर पर रहकर ही श्रद्धालु शक्ति की आराधना करें. जप, तप, हवन कर प्रतीकात्मक कन्या पूजन भी घर पर किया जा सकता है.उल्लेखनीय है कि रोज़ाना माता की आराधना कर कुछ लोग इन नौ दिनों के दौरान अपने प्रण के अनुसार चरण पादुका त्यागने, मोन रखने जैसे व्रत भी करते हैं. पुजारी का कहना है कि यह सब भी घर पर रहकर ही किया जा सकता है. साथ ही, श्रद्धालु माता के ऑनलाइन दर्शन कर पुण्य लाभ ले सकते हैं
हरसिद्धि मंदिर का महत्व
माता हरसिद्धि का मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में माना जाता है. शास्त्रों मे प्रचलित कथा के अनुसार उज्जैन के इस स्थान पर सती माता की कोहनी गिरी थी, जिसके चलते यह स्थान शक्ति की आराधना का बड़ा केंद्र बन गया. माता हरसिद्धि को उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी भी माना जाता है.इस मंदिर को करीब चार हज़ार साल पुराना बताया जाता है और शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है. यही वजह है कि नवरात्रि पर यहां भक्तों का मेला लगता है. पुजारियों के मुताबिक माता हरसिद्धि का मंदिर शक्तिपीठ होने से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है.मान्यता है कि माता हरसिद्धि अपने दरबार में आने वाले भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं. नवरात्रि में माता हरसिद्धि के दरबार में नौ दिनों तक विशेष पूजा पाठ होता है. पुजारी के अनुसार इस साल भी विशेष अभिषेक या पूजा आदि मंदिर में होंगी, लेकिन श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा.

error: Content is protected !!