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*B B C टाइम्स इन* रतलाम 12 अप्रैल रतलाम में जिला प्रशासन द्वारा लागू की गई रेमडेंसीवीर इंजेक्शन की सप्लाय व्यवस्था को अब पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। रतलाम में इस इंजेक्शन को ब्लैक मार्केटिंग से बचाने के लिए बनाई गई व्यवस्था को लीकप्रुफ माना गया है। मतलब रेमडेसीवीर के मामले में रतलाम में लागू व्यवस्था अब बन गई है रोल मॉडल।

जिला प्रशासन ने रतलाम में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की वितरण व्यवस्था में सख्त रुख अपनाया था। प्रशासन के हस्तक्षेप से न सिर्फ इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालो के मंसूबे ध्वस्त हुए अपितु मरीजो के परिजनों को भी सहजता से यह दवाई उपलब्ध हो रही है। राज्य प्रशासन ने आज जारी अपने एक लिखित आदेश से इस व्यवस्था को अब पूरे राज्य में लागू कर दिया है।

क्या है रतलाम की व्यवस्था की खासियत

रतलाम कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने रेमडेसीवीर इंजेक्शन की वितरण व्यवस्था को सबसे पहले नियमो के बंधन में बांध दिया। इस व्यवस्था के अनुसार स्टॉकिस्ट और खैरची विक्रेता के माध्यम से मरीजो को इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए । पहले मरीजो और उनका उपचार कर रहे चिकित्सालयों की सूची बनाई गई। प्रशासन ने चिकित्सको की सलाह के अनुरूप मरीज की बीमारी की गम्भीर स्थिति को पैमाना बनाकर वितरण की प्राथमिकता तय कर दी। इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए एक डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन और ड्रग इंस्पेक्टर श्रीमती सारिका अग्रवाल को व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया।

इस व्यवस्था में मुख्य बात इंजेक्शन की कीमत पर नियंत्रण के साथ – साथ मरीजो के परिजनों तक ये इंजेक्शन चिकित्सालय तक पहुचाए गए। इसकी जिम्मेदारी भी खैरची विक्रेता को निभाने के निर्देश दिए गए।
प्रशासन के सख्त रुख से जरूरतमंद को सुगमता से ये इंजेक्शन मिल रहे है। इस व्यवस्था से सकारात्मक परिणाम सामने आए । और अब शासन देश से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो गई है।

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