*B B C टाइम्स इन* रतलाम 09 अप्रैल शासन व मध्यप्रदेश शासन के द्वारा लगाया जाने वाला 9 दिन के लॉकडाउन के तुगल्की फरमान के दौरान बाजारो मे लोगो के मन मे भय व्याप्त कर दिया है जिसके कारण लोग अपनी रोजमर्रा की वस्तुओ को खरीदने के लिये कोरोना के नियमो को ताक मे रखते हुए बाजारो मे उमड़ पड़े है एसा न हो जाये की प्रशासन का यह कदम कोरोना को नियन्त्रित करने के बजाय कोरोना को आमंत्रण देने वाला बन जाये।
लॉकडाउन लगने के दिन सुबह से बाजारों में अनाज मंडी एंव हाकिम वाड़ा की राशन दुकान इत्यादि में बहुत खचाखच भीड़ जमा है जो सामान खरीदने के लिए टूट पड़ी है अतः इसमें कोई नहीं जानता कि कौन कोरोनावायरस पॉजिटिव हो सकता है अतः सरकार भी आंख मूंदकर देख रही है यहां पर कोई कार्रवाई नहीं है अतः अब 9 दिन के लॉकडाउन में कितने लोग कोरोनावायरस पॉजिटिव हों चुके होंगे ये तो वक्त ही बतायेगा। प्रशासन को सख्ती तो पहले से ही बरतना चाहिए थी।
आज जब बाजारों में अथाह भीड़ है लेकिन कानून और प्रशासन आंख मूंदे बैठे हैं सख्ती तो केवल दिखावे के लिए होती है अतः देश की भलाई के लिए अभी भी जहां-जहां भीड़ है वहां प्रशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए अतः भीड़ को लाइन में वह दूरी बनाकर खड़े होना चाहिए यह कार्रवाई होनी चाहिए बिना मास्क के किसी भी दुकान या किसी भी जनसंख्या वाले क्षेत्र में नहीं होना चाहिए कानूनों प्रशासन अपनी आंख खोलें वह होने वाली महामारी को रोकें।अन्यथा लॉकडाउन लगाने का भी कोई औचित्य नही रहेगा ओर इसका दंश भी सिर्फ गरीब इन्सान ही ज्यादा झेलेगा।
