*B B C टाइम्स इन* रतलाम 27मार्च l शहर में बदहाल स्वास्थ सेवाओं को लेकर एक बार फिर आमजन से लेकर सेवा से जुड़े सेवियों में आक्रोश पनपने लगा है। वर्तमानः हालातों से परेशान होकर रेडक्रॉस के पूर्व चेयरमैन महेंद्र गादिया ने राज्य शासन को पत्र लिखा है। पूर्व चेयमैन गादिया के अनुसार मेडिकल कॉलेज बनना निश्चित सराहनीय है। 1977 से इस पर आंदोलन हुए और जिलेवासियों को एक बड़ी सौगात मिली। अव्यवस्था पर पिछले दिनों से मेडिकल कॉलेज को लेकर प्रश्न उठ रहे। सवाल यह है कि आज कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद पर्याप्त स्टाफ और पर्याप्त सुविधा नहीं है। आज भी वेंटिलेटर की कमी से लोग परेशान हैं, सिटी स्कैन की मांग पांच वर्षों से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के लिए की रही है। मरीजो के परिजनों को संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीँ मिलता। एक पूछताछ केंद्र 24 घंटे के लिए आवश्यक है, जिससे परिजन की जानकारी मिल सके जिन्हें बाहर रेफर करना हो उसकी तत्काल समुचित व्यवस्था हो और संसाधन से सरलता से भेजा जा सके।
उक्त सारी बातों पर ध्यान आकर्षित करते हुए उनके द्वारा प्रशासनिक व्यवस्थाओं और नेताओं की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।
रेडक्रॉस के पूर्व चैयरमेन महेन्द्र गादिया ने कहा कि रेडक्रॉस द्वारा प्रदेश की पहली कार्डिक एम्बुलेंस रतलाम में सभी के प्रयासों से लाए थे। जो आज आवश्यक बन गई। उसका भी उपयोग रोगियों को बाहर व कम शुल्क में भेजने का प्रावधान था उसे भी निरन्तर बाहर भेजने के उपयोग में लाया जाना चाहिए। रेडक्रॉस के अन्य साधन और संसाधन का उपयोग भी होना चाइए। वर्तमानः में इनके विपरीत सारी सुविधा प्राइवेट व्यवस्था के भरोसे है। दवाई इन्जेक्शन भी प्राइवेट लेना पड़ रहे हैं। रेडक्रास का वर्तमानः में सोनोग्राफी सेंटर भी बंद पड़ा जबकि 44000 रोगियों की जांच मात्र 200 रुपये प्रति मरीज की गई। ऐसे ही ब्लड बैंक के लिए sdp मशीन व कंपोनेंट मशीन का भी कई बार मांग की जा चुकी। प्रशासन की लापरवाही से हालात यह हैं कि ब्लड कंपोनेंट मशीन आई थी उसका उपयोग इंदौर में हो रहा है।
संस्थाओं को दर किनार कर दिया जिम्मेदारों की मनमानी से कई समितिया भंग कर दी गई। कम से कम सेवा को सेवा के मंदिर के रूप में रहने दिया जाए। उक्त सारी बाते मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल को भेजकर समस्या से अवगत कराने के साथ जिमेदारो की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।