*B B C टाइम्स इन* रतलाम 13 मार्च । स्वच्छता तन, मन और विचार में होगी तो हमारा शरीर भी स्वस्थ होगा। ठीक इसी तरह जब हमारा घर, मोहल्ला और शहर स्वच्छ होगा तो अपना शहर स्वस्थ भी होगा। अब स्वच्छता को सफाई से आगे इस सोच के साथ बढ़ाना चाहिए कि यह हमारे शहर के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यह सोच बदलेगी तो स्वच्छता का स्तर और भी ऊंचा होगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के तहत नगर निगम आयुक्त श्रीसोमनाथ झारिया के निर्देश और मार्गदर्शन में शुक्रवार को आयोजित स्वच्छता जागरुकता और स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम में उक्त विचार प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी एमके जैन ने व्यक्त किए।
श्रीजैन ने कहां कि संवाद में यह बात भी सामने निकलकर आई कि स्वच्छता का संस्कार हमारे मन में होना चाहिए। यदि पॉलिथीन पर बैन लगाती है तो हमें भी किसी से पॉलिथीन में सामान लेने की अपनी सोच बदलनी होगी। जब हम मना करेंगे तो देखते-देखते यह आदत में शामिल होगा। अब जरूरत है इस बात की भी है कि हम ऐसे लोगों को रोकना-टोकना शुरू करें, जो अभी भी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग शहर परियोजना क्रमांक-1 की पर्यवेक्षक फिरदोस खान ने संबोधित करते हुए कहां कि खाली प्लॉट पर कचरा जलाने से लोगों को रोका जाना चाहिए। कार से थूकने वालों को भी सोचना चाहिए कि वे इस तरह की हरकत से समाज को क्या संदेश दे रहे हैं। सीनियर सिटीजन के प्रयास से हम लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
हम नगर निगम के साथ मिलकर शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होने कहां कि जब तक सेल्फ अनुशासन नहीं रहेगा, तब तक शहर को स्वच्छ रखना मुश्किल है।
मूक बधिर स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक सतीशचन्द्र तिवारी ने कहां कि स्वच्छ और स्वास्थ्य दोनों का आपस में तालमेल है। अगर स्वच्छता नहीं रहेगी तो हम स्वास्थ्य नहीं रह सकते। हमें पता होना चाहिए कि गंदगी से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं। एक समय था जब होटलों में कचोरी खाने के बाद कागज की प्लेट कोने में फेंक देते थे, लेकिन अब कहीं भी कचरा देखने को नहीं मिलता। स्वच्छता की भावना बनाए रखने के लिए हमें इंटरनेशनल क्लिनिंग डे और 2 अक्टूबर के दिनों को अच्छे से सेलिब्रेट करना चाहिए। इस दिन स्कूल और कॉलोनियों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए बड़े आायोजन रखे जा सकते हैं।
शहर के फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से भी कुछ जगहों पर कचरा देखने को मिलता है। शाम को लगने वाले ठेलों का कचरा कई बार फुटपाथ पर ही रह जाता है। शहर की हर गली स्वच्छ बनी रहे, इसके लिए अतिक्रमण हटाना होगा। जो दुकान संचालक कचरे को फेंकने की व्यवस्था नहीं करते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।
डाँ.शहनाज सैय्यद ने कहां कि हर कॉलोनी में स्वच्छता पर निगरानी रखने के लिए एक व्यक्ति तय किया जाना चाहिए। शहर में कई आयोजन होते हैं। इसमें पानी की बोतल, चाय के कप और फूलों की माला का उपयोग किया जाता है। इससे रोड पर कचरा फैलता है और वातावरण भी प्रभावित होता है। हम जब भी आयोजन करते हैं, उसमें ध्यान रखते हैं कि प्लास्टिक का सामान और फूलों की माला का उपयोग न हो।
स्पर्धाओं में महिलाओं और बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया
स्वच्छता जागरुकता और स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के दौरान रांगोली, निबंध,वाद-विवाद,भाषण,चित्रकला सहित आधा दर्जन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में सफल हुए प्रतियोगियों को अतिथियों ने प्रमाण पत्र,मोमेन्टों और बाल पेन देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान संचालन फिरदौस खान ने किया और आभार वंदना सोंलकी ने माना।