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*B B C टाइम्स इन*रतलाम 10 मार्च 2021भागवत कथा एक ऐसी त्रिवेणी है जो ज्ञान, वैराग्य और भक्ति प्रदान करती है। प्रत्येक मनुष्य को भागवत कथा श्रवण कर जीवन में उतारना चाहिए। भागवत हमें जीना सिखाती है। भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश उतार कर जीवन को सार्थक किया जा सकता है। धन से प्राप्त सुख क्षणिक होता है लेकीन धर्म से प्राप्त सुख स्थाई होता है।

उक्त विचार कथा वाचक पं. हेमन्त जी व्यास ने त्रिलोक विजय हनुमान मंदिर त्रिलोक नगर में महा शिवरात्रि के उपलक्ष्य में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ में व्यक्त किए।
कथा के चोथे दिन मंगलवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धार्मिक उल्लास के साथ मनाया। इसमें पाण्डाल को गुब्बारों व फूलों से सजाया गया। पाण्डाल में जैसे नंदबाबा टोकरी में बाल कृष्ण को उठाए प्रवेश किया तो धर्मालुओं ने श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण गुंजाएमानकर दिया। गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है.. जैसे भजनों पर महिलाओं ने नृत्य कर खुशीयों मनाई। पं. हेमन्त जी व्यास भी बाल श्रीकृष्ण को गोद में उठाकर झुमने लगे। उन्होने सभी को टॉफी और चाकलेट बांटकर खुशीयां मनाई।
पोथी पूजन, संत सम्मान व महाआरती मुख्य यजमान प्रभादेवी थनेरा शर्मा एवं बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं द्वारा किया गया।

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