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*BBC टाइम्स इन उज्जैन 10 अक्टूबर* ।

उज्जैन। प्रशासन द्वारा महाकाल वन प्रोजेक्ट के तहत श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के 44 किरायेदारो की पूर्व में भी 2 बार दुकान तोड़ कर नाममात्र की प्रीमियम पर 20 से 25 हजार रुपये में दुकान आवंटित की गई थी किंतु तीसरी बार फिर दुकानों को तोड़ कर एक बार फिर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न करने का मन मंदिर प्रबंध समिति बना चुकी है महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के 44 किरायेदारो का कहना है कि हम किरायेदार होकर हार, फल प्रसादी की दुकान संचालित कर जैसे तैसे अपना जीवन यापन करते आ रहे है और हमें साफ निर्देश दिए गए है  की आपकी तोड़ी हुई दुकान आपको नये सिरे से फिर से दे दी जाएगी लेकिन आपको दुकान 25 से 30 लाख में हमसे खरीदना पडेगी

90 प्रतिशत से अधिक परिवार लगभग 40 से 50 सालों से मंदिर प्रबंध समिति की दुकानों पर किरायेदार है और इनमें से कई महिलाएं तो विधवा और बेसहारा है । कई किरायेदार अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के है और सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से रूप से काफी पिछड़े हुए हैं कोविड-19 के कारण मार्च 2020 से कई माह तक मंदिर बंद रहा जौर खुलने के बावूद अब तक याने करीबन 7 माह से मंदिर में हार, फूल, प्रसादी पर प्रतिबंध होने के कारण हमारा व्यवसाय वैसे ही शून्य हो गया है और खाने-पीने के लाले पड़ रहे है ऐसे में हम गरीब आवेदक 25 से 30 लाख रू. कहा से लाएगा फिलहाल सभी किरायेदारों ने मंत्री व विधायक से मिलकर गुहार  लगाई है

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