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*फोटो -राकेश पोरवाल*

*B B C टाइम्स इन* 05 फरवरी रतलाम रामचरितमानस में कहा गया “राम सिंधु घन सज्जन धीरा, चंदन तरु हरि संत समीरा।” अर्थात भगवान श्री राम समुद्र हैं तो धैर्यशील संत पुरुष बादल हैं। भगवान चंदन के वृक्ष हैं तो संतगण हवा हैं।

यह बात महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदंबरानंद जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा भगवान के संदेश जो जीवमात्र के लिए हितकर होते हैं, इन्हें सभी ओर हवा बनकर संतगण पहुंचाते हैं। ऐसा करने का उद्देश्य संयम सद्भाव आराधना और समन्वय की सुवास से समाज को लाभान्वित और उन्नत करना है। स्वामी चिदंबरानंद जी रतलाम आगमन के दौरान बरबड़ स्थित दयाल वाटिका में शिव परिवार और शिवलिंग का अभिषेक किया। अभिषेक काक लाभ मोहनलाल भट्ट, एडवोकेट कैलास व्यास, पत्रकार राकेश पोरवाल आदि ने लिया। अंत में आरती भी की गई।

बता दें कि महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद जी महाराज कई वर्षों से नियमित रूप से प्रात:काल भगवान शंकर का संपूर्ण विधि-विधान से अभिषेक करते हैं। इसलिए ही वे अभिषेक के निमित्त दयाल वाटिका पधारे थे। वे बताते हैं कि भगवान शिव के दर्शन मात्र से जीवन, पाप, ताप और संताप समाप्त हो जाता है।

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