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BBC टाइम्स इन उज्जैन 11 जनवरी।

16 जनवरी से प्रारम्भ होगा कोरोना वेक्सीनेशन फेज-1 का कार्य, उज्जैन जिले में 32 केन्द्रों पर वेक्सीनेशन होगा, 54 टीम लगाई जायेगी, कलेक्टर ने तैयारी करने के दिये निर्देश

उज्जैन 11 जनवरी। उज्जैन जिले में कोरोना वेक्सीनेशन फेज-1 का कार्य 16 जनवरी से प्रारम्भ होगा। फेज-1 में प्रथम भाग में हैल्थ केयर वर्कर्स को टीका लगाया जायेगा। इसमें शासकीय एवं निजी चिकित्साकर्मी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं। जिले में इनकी कुल संख्या 12 हजार 411 चिन्हित की गई है। फेज-1 के द्वितीय भाग में फ्रंटलाइन वर्कर तथा तृतीय भाग में 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति अथवा 50 वर्ष से पहले के ऐसे लोग जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, का टीकाकरण होगा। तीनों भाग मिलाकर उज्जैन जिले में लगभग तीन से चार लाख लोगों का फेज-1 में टीकाकरण किया जायेगा। टीकाकरण की तैयारियों को लेकर कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में सिंहस्थ मेला कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को वेक्सीनेशन के लिये टीम गठन, इनके प्रशिक्षण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही 13 तारीख को एकसाथ सभी कर्मचारियों का प्रशिक्षण आयोजित करने के लिये कहा है।

बैठक में डब्ल्यूएचओ के डॉ.सुधीर सोनी ने कोरोना टीकाकरण को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में टीकाकरण के लिये दो कंपनियों के टीके तैयार हैं। इनमें से कोई एक उज्जैन जिले में आयेगा। एक टीका सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा बनाया गया है तथा दूसरा भारत बायोटेक कंपनी द्वारा बनाया गया है। टीका व्यक्ति को दो बार लगेगा, पहली बार लगने के चार सप्ताह बाद दूसरी बार लगाना होगा। इसके लिये टीकाकरण टीम का गठन किया जायेगा। इसमें एक सुरक्षाकर्मी की ड्यूटी लगाई जायेगी। समस्त कार्यवाही को कोविड पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर किया जायेगा। टीकाकरण की माइक्रो प्लानिंग भी कोविड एप के माध्यम से होगी। वेक्सीनेशन के लिये प्रत्येक सेन्टर पर तीन कक्ष होना आवश्यक है। इसमें प्रथम कक्ष वेटिंग रूम, द्वितीय कक्ष में वेक्सीनेशन का कार्य एवं तृतीय में रेस्ट रूम बनाया जायेगा। टीकाकरण के लिये वेक्सीन की कोल्डचेन 2 से 8 डिग्री के मध्य मेंटेन करना होगा। उन्होंने कहा कि टीका लगने के बाद किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होंगे। इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि त्वरित पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर का सेट (एफएक्यू) भी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है।

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