*B B C टाइम्स इन* रतलाम 05 जनवरी मंगलवार श्री सनातन धर्मसभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति के तत्वावधान में त्रिवेणी के पावनतट पर 67 वें महारूद्र यज्ञ का शुभारंभ हर-हर महादेव और सनातन धर्म की जय हो के जयकारों के साथ धर्मध्वजा रोहण एवं हवन कुण्ड में अग्नि प्रवेश कर मुख्य अतिथि परम पूज्य स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज, संत सुरेशानंद जी महाराज, विशेष अतिथि समाजसेवी अनिलकुमार झालानी, यज्ञार्चाय पं. दुर्गाशंकर औझा, समस्त भूदेवों, यजमान वीणा कुन्दन सोनी, समिति अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, महिला मण्डल अध्यक्ष राखी व्यास द्वारा शृद्घालुजनों की उपस्थित में किया गया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए संतश्री स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि अति प्राचिन हमारे सनातन धर्म में केवल हमारे कल्याण की ही नही विश्व कल्याण की बात होती है। शिव शक्ति,भगवान मृत्यजंय की आराधना निश्चित ही कल्याणकारी है। महारूद्र यज्ञ, लघरूद्रु यज्ञ और अतिरूद्र यज्ञ तीनों ही श्रैष्ठ यज्ञ है। त्रिवेणी के पावन तट पर जन मानस के कल्याण के लिए चल रहे यह महारूद्र यज्ञ से विश्व में सनातन समाज को गोरवांतित कर रहा है।
उन्होने कहा कि अग्नि में र्मीच पावडर डाल दी जाए तो वह एहसास करा देती है कि यहां मैं भी हूँ। इसी प्रकार यज्ञ में सामग्री की आहुतियों भी दी जाएगी तो वह प्रकृति को, प्रयावरण को और समाज को अपनी उपस्थिति का अहसास करा देती है। सनातन धर्म से सबको अभय दान से निर्भय दान प्राप्त होता है। इस महारूद्र यज्ञ के प्रताप से नगर ही नही संपूर्ण राष्ट्र को महामारी से निश्चित मुक्ति मिलेगी।
समाजसेवी अनिलकुमार झालानी ने कहा कि सनातन धर्म सत्य का धर्म है। प्रकृति की रचना के बाद जो धर्म बना वह सनातन धर्म ही है। जीवन में सनातन धर्म संस्कृति अपनाना चाहिए।
समिति अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य ने कहा कि हमारा सनातन धर्म अधर्म का नाश करने वाला धर्म है और प्राणीमात्र का कल्याण चाहने वाला संसार में एकमात्र यही धर्म है।
अतिथियों का स्वागत समिति के उपाध्यक्ष रमेश व्यास, लालचंद टांक, नवनीत सोनी, पं. रामचन्द्र शर्मा सर्राफ, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, पं. राजेश दवे, बाबुलाल त्रिपाठी, बजरंग पुरोहित, प्रेम उपाध्याय, राजेश तिवारी, पुष्पेन्द्र जोशी, मनोहर पोरवाल, गोपाल जवेरी, सत्यनारायण पालीवाल, गोविन्द लाल राठी, मनोज शर्मा, नारायण राठौड़, चेतन शर्मा, संरक्षक ताराबेन सोनी, व्यास हंसा, आशा शर्मा, रजनी व्यास, वंदना पोरवाल सहित यजमान के परिवारजन एवं गणमान्यजनों द्वारा किया गया। संचालन ब्रजेन्द्रनंदन मेहता ने किया