BBC टाइम्स इन उज्जैन 01 जनवरी 2021।
उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के आंगन में नया साल बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया. रोज की तरह सुबह 4 बजे से भस्मार्ती की प्रकिया प्रारम्भ हुई. विधि पूर्वक तैयारियां कर बाबा को भस्म रमाई गई. भस्मीभूत होने के बाद झांझ मंजीरे, ढोल नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की आरती की गई.
इस बार कोरोना के चलते पहली बार भक्तों को भस्मार्ती में प्रवेश से वंचित रखा गया. आरती के ठीक बाद भक्तों के लिए बाबा के द्वार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खोल दिए गए. भक्तों ने साल 2020 में आई विपदाओं को विनाश करने व जन जीवन सुचारू रूप से चलने की बाबा से कामनाएं कीं.
ऐसे हुआ बाबा का श्रृंगार
बाबा महाकाल को सुबह 4 बजे हरी ॐ जल (ठंड के चलते गर्म जल) से स्नान करवाया गया.इसके बाद का पंचामृत से अभिषेक हुआ. जिसमें दूध, दही, घी, शकर, शहद से बाबा को दोबारा स्नान करवाया गया. उसके बाद बाबा को चंदन का लेप लगाकर सुगंधित द्रव्य चढ़ाए गए और भांग से बाबा का श्रृंगार किया गया. इसके बाद श्वेत वस्त्र ओढ़ाकर बाबा को भस्म रमाई गई.
सुबह से ही लगी कतार
इस बार भस्मार्ती में भक्तों के प्रवेश पर विशेष रोक रही. हालांकि, आरती के बाद 6 बजे से भक्तों के लिए कोरोना गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए द्वार खोल गए. सुबह 6 बजे से ही देश भर के श्रद्धलुओं की लंबी कतार बाबा के दरबार में शीश झुकाने के लिए लगने लगी. किसी ने परिवार की सुख शांति के लिए कामना की तो किसी ने देश मे अमन चैन सुख समृद्धि को लेकर शीश झुकाया.
बाबा की झलक से होता पापों का विनाश
ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल की एक झलक मात्र से पापों का विनाश हो जाता है. मंदिर के मुख्य पुजारी बाला गुरु ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि आज प्रातः काल नव वर्ष की मंगल बेला पर समस्त विश्व कल्याण के निमित्त बाबा का पंचामृत अभिषेक किया गया व 56 भोग बाबा को लगाए गए. 2020 में महाविपदा की समाप्ति के लिए व 2021 में समस्त विश्व कल्याण के लिए महापूजन किया गया.