बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 19 फरवरी 2025
उज्जैन। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं की भक्ति एवं आस्था का प्रमुख केंद्र है वेद एवं धर्म पुराणों मे भी भगवान महाकाल की भक्ति एवं दर्शन करने का विशेष महत्व बताया गया है देश विदेश से श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए उज्जैन की धरा पर आते हैं और उनका दर्शन कर अपने आप को धन्य मानते हैं उज्जैन में महाकाल लोक बनने के उपरांत श्रद्धालुओं की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा दृष्टि को ध्यान में रखते हुए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा क्रिस्टल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दे रखा है लेकिन यह कंपनी सुरक्षा के किसी भी मानकों में उचित नहीं ठहरती। इस कंपनी के कर्मचारी आए दिन विवादों में घिरे नजर आते हैं श्रद्धालुओं के साथ मारपीट से लेकर पैसे लेकर दर्शन करवाने मे भी इनकी भुमिका जगजाहिर हो चुकी है। इस कंपनी की महिला कर्मचारियों द्वारा भी छेड़छाड़ एवं शोषण के भी आरोप सामने आ चुके हैं कई मर्तबा उनके कर्मचारियों पर महाकाल थाने में शिकायत एवं प्रकरण दर्ज करवाए गए हैं। लेकिन फ़िर भी इनकी शिकायते एवं काम करने का रवैया कम होने का नाम नहीं ले रहा है वरन बढ़ता ही जा रहा है आए दिन श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता की शिकायत सामने आती है इससे श्रद्धालुओं के मन में मंदिर की छवि धूमिल हो रही है।
होते रहते वाद विवाद
महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश को लेकर 7 अलग-अलग द्वारा बने हुए हैं और इसके साथ ही महाकाल लोक की सुरक्षा भी क्रिस्टल कंपनी को दी गई है लेकिन इस कंपनी के कर्मचारी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर श्रद्धालुओं से अभद्रता करते हुए देखे जा सकते हैं और कई बार तो स्थिति मारपीट तक आ जाती है फ़िर वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के द्वारा मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है और श्रद्धालु भी फिजूल के लफड़े से बचने के कारण चलता बनता है लेकीन ऐसे में बाकी श्रद्धालुओं के मन की आस्था प्रभावित होती है और इनके कर्मचारियो को ऐसा करने की शह मिलती है लेकिन अभी तक यह समझ से परे बना हुआ है की वरिष्ठ अधिकारियों को संपूर्ण जानकारी होने के बाद भी पता नहीं किस घटना का इंतजार है आखिर क्यों वरिष्ठ अधिकारी इस कंपनी पर इतने मेहरबान है ,आखिर क्यों उन्हें आम श्रद्धालु की पीड़ा दिखाई नहीं देती, मंदिर के छवि धूमिल होती दिखाई नहीं देती,या तो यू समझे वे भी सिर्फ वातानुकूलित बंद कमरों में आदेश देकर अपने कार्यो से इति श्री कर देते हैं या कोई और स्वार्थ उन्हे इस कंपनी पर कार्यवाही न करने या ठेका निरस्त न करने के लिये बाध्य कर रहा है।
कार्य मे भी लापरवाही
अभी हाल मे महाकाल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल उस समय और खुल कर रह गई जब एक श्रद्धालु जेब में मदिरा की बोतल लेकर मंदिर के अंदर प्रवेश कर गया उस व्यक्ति को किसी भी सुरक्षाकर्मी द्वारा ना चेक किया गया और नहीं रोका गया जो की अपने आप में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए पर्याप्त है।
अपने वालो को कराते प्रवेश
कंपनी के कर्मचारी सुरक्षा व्यवस्था के बजाय अपने-अपने व्यक्तियों को प्रवेश करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं जब हमारे प्रतिनिधि द्वारा ऐसे ही कार्य का वीडियो बनाने का प्रयास किया गया तो कंपनी के कर्मचारी द्वारा उसका मोबाइल कैमरा छीनने का प्रयास किया गया जिसकी शिकायत सहायक प्रशासक को कर उस युवक पर वैधानिक कार्रवाई की गई।
नवीन प्रशासक से जागी उम्मीद
नवीन प्रशासक पृथम कौशिक के सामने महाकाल मन्दिर मे महाशिवरात्रि की व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौती होगी। ऐसे मे भीड़ प्रबंधन और सुलभ दर्शन के साथ साथ सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्य होगी। ऐसे मे यह देखना दिलचस्प होगा की क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारियो का आचरण और मनमाना रवैये को लेकर प्रशासक क्या निर्णय लेते है। हो सकता है अपने कार्यशेली के अनुरुप प्रशासक महाशिवरात्रि के बाद क्रिस्टल कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दे।