BBCTimes in मंदसौर।08 Nov 2023 | विश्व सिनेमा दिवस के मौके पर मंदसौर में पहली बार राज्य स्तरीय लघु फिल्म उत्सव आयोजित किया गया ।सेंट्रल इंडिया फिल्म एसोसिएशन ( सीफा ) द्वारा इस वर्ष इस फिल्म उत्सव के लिए मंदसौर का चयन किया गया था । इसे हेतू स्थानीय आयोजन समिति का गठन हुआ था । जिसने राजस्थान और मध्य प्रदेश के फिल्म मेकर्स को इस उत्सव से जोड़ने में कामयाबी हासिल की । फिल्म उत्सव के दिन दोनों राज्यों से बड़ी संख्या में लघु फिल्मों के निर्माता- निर्देशक, कलाकार ,संगीतकार और सिने प्रेमी पहुंचे थे । साथ ही आयोजन स्थल पर नगर के गणमन नागरिक भी बड़ी संख्या में पहुंचे ।
नगर के हॉर्टिकल्चर कैंपस में बने “अनुगूंज सभागार” में तीन सत्रों में फिल्म उत्सव संपन्न हुआ ।पहले सत्र में म्यूजिक ,मिमिक्री और फन का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला तो दूसरे सत्र में गजल ,कविता साहित्य और सिनेमा में विशेषज्ञ प्रमोद रामावत प्रमोद,डॉक्टर मनीष जैसल व एक्टर शिव कुंदर के साथ टॉक शो हुआ । वहीं अंतिम सत्र में 12 लघु फिल्मों का बड़े पर्दे पर दर्शकों ने आनंद लिया ।उल्लेखनीय की देशभर से इस फिल्म उत्सव में शामिल होने के लिए 29 फिल्में पहुंची थी । जिन्हें जूरी बोर्ड द्वारा देखने के बाद 12 फिल्मों को प्रदर्शन के लिए अनुमति दी गई । जूरी में मंदसौर प्रेस क्लब अध्यक्ष बृजेश जोशी, वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम बटवाल और डॉक्टर उर्मिला तोमर शामिल थे । इन लघु फिल्मों में भोपाल से आई जिम- जाम को पहला पुरस्कार, रतलाम से आई सॉरी पापा को दूसरा पुरस्कार और मंदसौर में बनी मालवी भाषा की लघु फिल्म कारियो बनेगा सरपंच को तीसरा पुरस्कार मिला ।
इस फिल्म उत्सव की शुरुआत में मां सरस्वती ,फिल्मों के पितामह दादा साहब फाल्के और शोमैन राज कपूर के चित्र पर माल्यार्पण करने के पश्चात हुई । बतौर अतिथि सेंट्रल इंडिया फिल्म संगठन के राज्य संयोजक प्रदीप शर्मा
मैं संबोधित करते हुए कहा की मंदसौर नगर में राज्य स्तरीय फिल्म उत्सव का आयोजन होना इस शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है ।इस आयोजन से इस अंचल में बोली जाने वाली बोलिया की क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण का रास्ता प्रशस्त होता है । उन्होंने उम्मीद जताई की क्षेत्र में इस विधा से संबंधित कलाकारों में इस आयोजन से उत्साह का नया संचार हुआ है और धीरे-धीरे क्षेत्र में फिल्म निर्माण की शुरुआत आसानी से हो सकेगी । इस आयोजन इस नगर को फिल्मी मानचित्र पर अंकित कर दिया है । वही एक्टर शिव कुंदर ने कहा कि एक्टिंग के लिए समर्पण, अनुशासन के साथ अपने काम के प्रति दीवानगी होनी चाहिए । इस तरह के आयोजन से नवोदित कलाकारों और मेकर्स को बहुत कुछ सीखने को मिलता है ।उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले सालों में फिल्म कला से कई नए चेहरे इस इलाके में जुड़ेंगे और आंचलिक फिल्म निर्माण की खिड़की खुलेगी । सिनेमा सेंसरशिप पर गहन अध्ययन करने वाले और फिल्मों पर अब तक तीन किताबें लिख चुके लेखक डॉक्टर मनीष जैसल ने साहित्य और सिनेमा पर चर्चा के दौरान कहा कि वर्तमान में ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने सेसेंसर बोर्ड की प्रासंगिकता सवालों के दायरे में आ गई है । उन्होंने उम्मीद जताई कि व्यावसायिक सिनेमा के साथ कला सिनेमा की तरफ भी नवोदित निर्माता – निर्देशक अपनी फिल्में लेकर आ रहे हैं और सोशल मीडिया के दौर में अलग-अलग तरह की फिल्में दर्शकों को बुनियादी मुद्दे से जोड़ने के साथ रूढ़िवादिता एवम् अंधविश्वास की बेड़िया तोड़ने हेतु प्रेरित भी कर रही है । विश्व बैंक परियोजना नाहेप के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर रुपेश चतुर्वेदी, कौशल राज चेन्नई और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह सिपानी ने आयोजन स्थल पर पहुंचे निर्माता निर्देशकों कलाकारों और सिनेमा प्रेमियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वह आगे भी इस शहर को इस अभिनव आयोजन से जोड़े रखेंगे । इस मौके पर थिएटर में चार दशकों तक योगदान देने वाले राकेश सोनी और कला को बढ़ावा देने में लगे चंद्रशेखर नागदा को लाइफ टाइम अचीवमेंट प्रदान किया गया । वही अंचल के उभरते बॉलीवुड अभिनेता विपिन जोशी और लाफ्टर फेम मुन्ना बैटरी का अभिनंदन भी किया गया ।फिल्म उत्सव के समापन अवसर पर कलाकारों को शील्ड ,प्रमाण पत्र और पुरस्कार अतिथियों द्वारा प्रदान किए गए । उत्सव के आरंभ पर स्वागत उद्बोधन स्थानीय आयोजन समिति के अध्यक्ष रमेश कुमार गंगवानी ने दिया और आयोजन की रूपरेखा आयोजन समिति के जनसंपर्क प्रमुख नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने बताई । उत्सव का सफल संचालन श्रीमती छवि तोमर ने किया वहीं सभी का आभार संयुक्त रूप से आयोजन समिति के नंदकिशोर राठौर और नरेंद्र भावसार ने माना ।
