बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 21 मार्च 2023
उज्जैन। सिन्धी समाज के आराध्य देव वरुण अवतार भगवान श्री झूलेलाल का जन्मोत्सव चेटीचंड के रुप मे पुरे देश मे हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है की इस दिन ही प्राणीयो की रक्षा एवं उद्धार के लिये भगवान का प्राक्टय हुआ था। इसी लिये सिन्धी समाज वर्षो से उनका जन्म अवतार इसी दिन मनाता आ रहा है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन मे सिन्धी समाज द्वारा भगवान झूलेलाल की प्रदेश की सबसे विशाल आकर्षक एवं भव्य प्रतिमा संतराम सिन्धी कालोनी के हेमू कालानी उद्यान मे स्थापित की गई है ।इस विशालकाय प्रतिमा का भव्य स्वरुप देखने के लिये देश भर से सिन्धी समाज के साथ ही अन्य समाज के लोग भी पहुचते है।
प्रतिमा स्थल के बाई ओर सिन्धी कालोनी चौराहे पर ही सिन्धी समाज द्वारा भव्य झूलेलाल द्वार भी निर्मित कराया गया है आगे दाई ओर यही मार्ग शिप्रा नदी की ओर जाकर मिलता है इसी घाट को सिन्धी समाज के द्वार झूलेलाल घाट के रुप मे विकसित किया गया है।इस तरह देखा जाये तो एक ही मार्ग पर भगवान झूलेलाल का भव्य द्वार,उसके बाद ऐतिहासिक विशाल प्रतिमा स्थल और आगे पुण्य सलिला माँ शिप्रा के तट पर ही झूलेलाल घाट विकसित हुआ है इस प्रकार समाजजनो की यह मांग भी निकल कर सामने आ रही है की अब इस मार्ग जो की वर्तमान मे यंत्र महल मार्ग नाम से जाना जाता है को श्री झूलेलाल मार्ग के नाम से जाना जाये।यहा के जनप्रतिनिधियो द्वारा भी उक्त विचार कई मर्तबा व्यक्त किये जा चुके है।
अब आगामी वर्ष चुनावी वर्ष है यह देखना वाकई दिलचस्प होगा की क्या इस मार्ग का पुन:नामकरण होता है या जनप्रतिनिधियो को इसका खामियाजा आगामी चुनाव मे समाजजनो की नाराजगी के रुप मे न भुगतना पड़ सकता है। खेर आगे कुश भी हो लेकीन एक ही मार्ग पर तीनो ही उपलब्धिया वो भी भगवान झूलेलाल के नाम से होना अपने आप मे ही अलौकिक एवं पूरे सिन्धी समाज के लिये गौरान्वित करने वाला है और समाजजनो की यह मांग जायज भी है इन सभी के लिये सिन्धी समाज उज्जैन धन्यवाद का पात्र है।