बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 5 अगस्त 2022
कई गुना पानी व्यर्थ बह निकला,,सड़क हुई तालाब मे तब्दील
उज्जैन। गुरुवार के दिन जिओ फाइबर केबल लाइन डालने के दौरान यंत्र महल मार्ग गली क्रमांक 3 में जिओ कंपनी के द्वारा पीएचई की पाईप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिससे शुक्रवार सुबह मे पानी सप्लाई के दौरान कई गुना पानी सड़कों पर बह निकला तो वही क्षेत्र की गली भी मानो तालाब में तब्दील हो गई। हमारे प्रतिनिधि द्वारा पीएचई के क्षेत्रीय प्रभारी सिसोदिया को जानकारी देने पर तुरंत ही लाईन का वॉल बंद कर पानी की सप्लाई को रोक दिया गया और कुछ देर पश्चात लाइन को दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा था लेकिन सोचने का विषय है कि उज्जैन शहर की सुंदरता को मानो ग्रहण सा लग गया है। सिंहस्थ 2016 के दौरान बनाई गई सुन्दर एवं आकर्षक सड़कों को मानो किसी की नजर लग गई हो। सिंहस्थ के दौरान हुए निर्माण कार्य अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं एक और जहां नगर निगम या अन्य विभाग सिंहस्थ के समय किये गए निर्माण कार्यों की सुध तक नहीं ले पा रहे हैं जिनके अभाव में लाखों करोड़ो खर्च कर हुए निर्माण कार्य बदहाल अवस्था में पहुंच गए हैं। तो वही विभागों में तालमेल के अभाव में पूरे उज्जैन शहर को गड्ढों मे तब्दील कर दिया गया है जिससे आए दिन नागरिक परेशान हो रहे हैं तो वही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले नागरिको के मन में भी उज्जैन की क्षवि खराब हो रही है। सबसे पहले तो ताप्ती कंपनी ने पीएचई लाइन डालने के दौरान सड़कों को खोद डाला तो फिर बाकी काम सामाजिक क्षेत्र की गैस कंपनी ने पूरा कर दिया। जैसे तैसे कर शहरवासी जीवन यापन कर ही रहे थे तभी टाटा कंपनी ने सीवरेज के नाम से शहर की सड़कों पर हल्ला बोल दिया ओर अब जियो फायबर केबल के नाम से कहर बरपा रहा है। एक तो चारो ओर सड़के खुदी हुई पड़ी है ऊपर से बारीश की मार के कारण सड़को के गड्ढों मे पानी भर जा रहा है जिससे आएदिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं ।
क्या इस प्रकार से उज्जैन स्मार्ट बनाना चाह रहे हैं हमारे जनप्रतिनिधि? शहर विकास के नाम पर बाते तो बड़ी बड़ी की जाती है की मध्य प्रदेश की सड़के अमेरिका से कम नहीं होगी यहां खड्डे तो भरा नहीं रहे और बात अमेरिका से तरक्की के मामले में की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उज्जैन की सड़को की दयनीय अवस्था को देखते हुए विभिन्न विभागों में तालमेल बिठाकर आगामी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करना चाहिए ताकि भविष्य में इतना खर्चा कर किये गए निर्माण कार्यो एवं शहर की सड़कों का इस तरह बुरा हाल ना हो।