बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 17 जुलाई 2022
54 वार्डों में से महज 17 वार्डों में जीते कांग्रेस प्रत्याशी, कई दिग्गज कांग्रेसी हारे
भाजपा महापौर प्रत्याशी 736 वोटो से जीते, कांग्रेस ने जताई नतीजों पर आपत्ति
उज्जैन। नगर निगम चुनाव में एक बार फिर भाजपा ने अपना कब्जा कर लिया है। भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल की जीत के बाद कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने रीटोटलिंग के आदेश दिए हैं। जीत का अंतर 736 वोट है। भाजपा प्रत्याशी टटवाल को 1 लाख 34 हजार 94 वोट मिले हैं। कांग्रेस को 1 लाख 33 हजार 358 वोट मिले हैं। वहीं भाजपा ने 37 वार्ड जीत लिए हैं और कांग्रेस महज 17 वार्डों पर जीत हासिल कर पाई है।
1979 से 2020 तक के 41 वर्षों के सफर में 9 महापौर
राधेश्याम उपाध्याय- 12 अक्टूबर 1979 से 9 मई 1980
इंदिरा त्रिवेदी- 5 जनवरी 1995 से 17 फरवरी 1996
प्रेमनारायण यादव- 17 फरवरी 1996 से 23 मार्च 1996
अंजु भार्गव- 23 मार्च 1996 से 17 जून 1999
शीला क्षत्रिय- 18 जून 1999 से 4 जनवरी 2000
मदनलाल ललावत- 27 जून 2000 से 26 जून 2005
सोनी मेहर- 9 अगस्त 2005 से 8 अगस्त 2010
रामेश्वर अखंड- 18 अगस्त 2010 से 11 अगस्त 2015
मीना जोनवाल- 4 सितंबर 2015 से 3 सितंबर 2020 तक
पत्रकारों ने किया विरोध
उज्जैन नगर निगम चुनाव में सुबह मतगणना स्थल इंजीनियरिंग कॉलेज में मीडिया कंट्रोल रूम में व्याप्त अव्यवस्थाओं के साथ ही कवरेज इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरा मेन और रिर्पोटर के साथ ही पत्रकारों ने विरोध दर्जकरवाते हुए अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई। पत्रकारों के विरोध को देखते हुए एडीएम संतोष टेगोर और एएसपी इंद्रजीत बकरवाल मौके पर पहुंचे और मामले को शांत किया।
शुरूआत में धीमी रही मतगणना
उज्जैन नगर निगम चुनाव में सुबह 9 बजे शुरू हुई मतगणना दोपहर तक काफी धीमी चलती रही। जिसके कारण प्रत्याशी और उनके समर्थक काफी परेशान होते रहें। दोपहर बाद मतगणना कार्य में तेजी आई। शाम होते-होते लगभग सभी वार्डों के चुनाव परिणाम सामने आ गए थे। लेकिन महापौर पद के नियर्ण को लेकर हुए विवाद के कारण निवार्चित पार्षदों को निवार्चन प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सका। महापौर पद का विवाद शांत होने के बाद प्रमाण पत्र दिए गए।
निर्दलियों को सुपड़ा साफ
रविवार को नगर निगम पार्षद और महापौर निर्वाचन के परिणाम सामने आने के बाद भाजपा की लहर स्पष्ट रूप से दिखाई दी। भाजपा की लहर का हालम यह रहा कि उसमें निर्दलियों का सुपड़ा ही साफकर दिया।उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में नगर निगम के 22 प्रत्याशियों में भाजपा के 20 प्रत्याशियों ने विजय प्राप्त की।बैरवा फैक्टर ले डूबा कांग्रेस को बीजेपी ने महापौर के लिए मुकेश टटवाल को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। मुकेश टटवाल बैरवा समाज के है। जबकि कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तराना विधायक महेश परमार को बनाया था जो बलाई समाज से थे। उज्जैन में बैरवा समाज के वोटरों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस की करारी हाल के पीछे बैरवा समाज नजरअंदाज करना माना जा रहा हैं।
परिणाम को लेकर हुआ हंगामा
पार्षदों के मतगणना परिणाम शाम तक आ गए थे। लेकिन विवाद की स्थिति महापौर के परिणामों को लेकर हुआ। लगभग हर राउंड कसमकस भरा रहा। हर बार मामला कुछ वोटों के अंतर तक चलता रहा। शाम को अंतिम परिणाम को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद कांग्रेसी मतगणना स्थल पर ही धरने पर बैठ गए। कांग्रेस प्रत्याशी विधायक महेश परमार का कहना था कि वे 255 वोटों से जीत रहे है। जबकि मुख्य निवार्चन अधिकारी ने 923 वोटों से भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल को विजयी घोषित किया था। इसी बात को लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा।
736 वोटो से मुकेश टटवाल बने महापौर
रिटोटलिंग के बाद निर्वाचन अधिकारी ने भापाजा प्रत्याशी मुकेश टटवाल को 736 वाटो से विजयी घोषित कर दिया। जिसके बाद भाजपा खेमे में उत्साह की लहर छा गई। मुकेश टटवाल के महापौर निर्वाचित होते ही मतगणना स्थल के बाहर समर्थकों में उत्साह फैल गया। डीजे और ढोल की आवाज से क्षेत्र गुंज उठा। जबकि कांग्रेसी मायूस होकर लौट गए।
गायब हो गए कांग्रेसी झंडे
रविवार सुबह इंजीनियरिंग कॉलेज में जब पार्षद पदों के लिए मतगणना हो रही थी, तक कॉलेज के बाहर मुख्य सड़क पर कांग्रेस के समर्थक बड़ी संख्या में जुट गए थे। कुछ राउंड तक कांग्रेसियों ने झांडे लेकर जश्न भी मनाया। लेकिन जैसे-जैसे राउंड बड़ते गए और कांग्रेसी हारते गए वैसे ही कांग्रेस के झंडे गायब होते गए।
पूर्व गृहमंत्री ने ली जानकारी
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेसी नेता बाला बच्चन सुबह उज्जैन पहुंचे और मतगणना स्थल का पर कांग्रेसी नेताओं से चर्चा भी की। इस दौरान उन्होने कांग्रेस की जीत का दावा भी किया था। उन्होने कहा था कि कांग्रेस उज्जैन के साथ प्रदेश में जीत दर्ज करवाएगी।