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बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 31 मई 2022

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे तल पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार नाग पंचमी के अवसर पर खोले जाते हैं। इस बार मंदिर समिति दानदाता के माध्यम से नागचंद्रेश्वर मंदिर तक 3D पुल का निर्माण कराएगी। इसके लिए मंगलवार को भूमिपूजन किया जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिखर के नीचे स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है। यह मंदिर वर्ष में केवल एक बार नाग पंचमी के अवसर पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाता है। हालांकि पूरे वर्ष यहां पर प्रतिदिन पूजन करने के लिए महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से नियुक्त पुजारी जाते हैं। कोरोना संक्रमण के 2 वर्ष बाद इस बार आम दर्शनार्थी नाग पंचमी पर दर्शन के लिए जा सकेंगे। इसके लिए मंदिर समिति ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बार नाग पंचमी का पर्व 2 अगस्त को है। इसके पहले यहां पर 3D ब्रिज बनाने के लिए मंगलवार शाम को भूमि पूजन होगा।

मंदिर के स्ट्रक्चर को नहीं होगा नुकसान
श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग के क्षरण की स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए थे। इसी के साथ मंदिर की मजबूती जांचने के लिए पुरातात्विक सर्वेक्षण की टीम को रिपोर्ट देने को कहा था। उस दौरान यह बात सामने आई थी कि मंदिर के प्राचीन स्वरूप को ध्यान में रखते हुए और पुरानी इमारत होने की वजह से मंदिर का शिखर पर किसी भी तरह का वजन नहीं दिया जाए। इसीलिए पूर्व में लगे यहां लोहे की सीढ़ी हटाई गई है। बताया गया कि नया 3D ब्रिज का आधार जमीन से रहेगा। नए लगने वाले पुल से मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर को कहीं कोई नुकसान नहीं होगा। और ना ही इस ब्रिज का भार मंदिर के शिखर पर रहेगा। मंदिर के स्ट्रक्चर के लिए सुरक्षित इस ब्रिज का निर्माण उत्तराखंड के भक्तों के माध्यम से किया जाएगा ।

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