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पालीताना तीर्थ यात्रा 22 अप्रैल को होगी रवाना ।

*B B C टाइम्स इन* रतलाम 17 अप्रैल जैन समाज के गुजरात मे विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पालीताणा में रतलाम एवं आसपास के 100 बच्चे गीतांजलि परिवार मुंबई के माध्यम से नव्वाणू यात्रा करने 22 अप्रैल को रवाना होगे इसके पुर्व जीव मेत्री परिवार के माध्यम से यात्रियों ने परिवार जनो के साथ गौ सेवा का लाभ लिया।

मालूम हो कि शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी स्थित जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ पालीताना गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है पालीताणा के पर्वत शिखर पर 863 से अधिक मंदिर है इनमें प्रमुख मंदिर प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का है जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थों में शामिल शत्रुंजय (पालीताणा) तीर्थ की यात्रा को महत्वपूर्ण माना गया है यह यात्रा केवल दिन में होती है सूर्यास्त के बाद कोई भी ऊपर नहीं रहता है।

यात्रा का उद्देश्य बच्चों में संस्करण,जैन धर्म के विचार व शास्त्रों को समझना है। 45 दिन की इस यात्रा में यात्रियों को प्रतिदिन शत्रुंजय पर्वत की तीन यात्रा अर्थात 18,000 से अधिक सीढ़ियां चढ़ना और उतरने की क्रिया है यह यात्रा में 1080 नवकार मंत्र का स्मरण ,पांच चेत्यवंदन, 9 स्वस्तिक,शत्रुंजय के 9 दोहे,9 बार खमासमणा देना आदि धार्मिक क्रिया हर एक यात्रा में करना आवश्यक होती है।

सभी यात्रियों की यात्रा आनन्द पूर्वक, निर्वघन संपन्न हो इसी कामना के साथ त्रिवेणी गौशाला मैं गौ सेवा का लाभ लिया गया इसमे गीतांजलि परिवार के कमल मल्लारा,दीपक कटारिया,अमन मल्लारा,महावीर मेहता सहित जीव मेत्री परिवार के सदस्य एवं यात्रीक अपने परिवार के साथ शामिल हुए।

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