सेवानिवृत्ति पर समारोहपूर्वक बिदाई दी
*B B C टाइम्स इन* रतलाम,1 मार्च। केन्द्रीय गृहमंत्री के अति उत्कृष्ठ सेवा पदक से सम्मानित पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय के एसआई विनोद त्रिपाठी का 38 साल का सेवाकाल निष्कलंक पूर्ण होना गौरवपूर्ण है। दो दशक लगातार स्थापना शाखा में रहना भी बडी उपलब्धि है। वे अपने कार्य, व्यवहार और सेवा के प्रति समर्पण से सबके लिए प्रेरणापुंज बने रहेंगे।
यह बात डीआईजी सुशांत सक्सेना ने कही। अपने कार्यालय में सहकर्मी विनोद त्रिपाठी की सेवानिवृत्ति पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की चर्चा हो, तो पेमाना नियमों का नहीं केवल कार्य व्यवहार का होता है त्रिपाठी ने किसी की चाय भी नहीं पी और अपना कार्यकाल बेदाग पूर्ण कर साबित कर दिया कि उनकी कार्यदक्षता उत्कृष्ठ रही है। मेरे लिए भी वे कार्यालय का पर्याय बनकर रहे है। सेवानिवृत्ति एक पडाव है, इसलिए उम्मीद है कि वे इस पूर्ण करने के बाद समाज में योगदान देते रहेंगे।
समारोह में विशेष रूप से उपस्थित पूर्व उपसंचालक अभियोजन कैलाश व्यास ने कहा कि त्रिपाठी को उनके सदव्यवहार ने अलग ही स्थान दिलाया है। श्रेष्ठ कार्य के लिए उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री उत्कृष्ठता पुरस्कार दिया गया है राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भी उनका नाम वरिष्ठ अधिकारियों ने कई वर्षों तक लगातार भेजा है। कार्य के प्रति उनका समर्पण सबके लिए प्रेरणादायी रहेगा।
सेवानिवृत्त हो रहे विनोद त्रिपाठी ने कहा कि उनके कार्यकाल की शुरूवात अभावों के बीच हुई थी, अब सारे संसाधनों के साथ कार्य हो रहा है। अपने पिता और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन से प्रेरित होकर ही वे अपने कार्यकाल को उत्कृष्ठ बना सके।
विदाई समारोह में शासकीय मेडिकल कालेज के वित्त अधिकारी तरूण त्रिपाठी, नोटरी अरूण त्रिपाठी, पूर्व सैनिक वीरेंद्र त्रिपाठी, कवि गोपालकृष्ण त्रिपाठी निर्झर, आरआई विजयकांत शुक्ला,डीआईजी कार्यालय के आरएस नागर, एससी रेयकवार, राजेन्द्र खत्री, राजेन्द्र पुरोहित,जगदीश वसुनिया, कपिल हाडा, राजेन्द्र शर्मा, विशाल राठौड, शैलेश राठौड, हितेन्द्र गौर, धर्मराज चैधरी,प्रशांत काले, गोपाल डोडियार, मयंक सोनी,महेश पाटीदार, हरीश राठौड, अर्चना महावर,पूजा मिश्रा,रेखा आर्य आदि ने भी विचार रखे।
अंत में डीआईजी सक्सेना से शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर त्रिपाठी का अभिनंदन किया। संचालन एवं आभार प्रदर्शन स्टेनो राजेश कुंभकार ने किया।