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बीबीसी टाइम इन उज्जैन 19 दिसंबर 2021

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के पीछे आकर ले रही महाकाल-रुद्रसागर एकीकृत विकास दृष्टिकोण (मृदा) परियोजना का पहला चरण दो महीने में पूरा हो जाएगा। इसी के साथ रूद्रसागर तरफ महाकाल मंदिर प्रवेश के लिए बनाया नया रास्ता श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। महाशिवरात्रि तक महाकाल मंदिर क्षेत्र आठ गुना बड़ा, खूबसूरत और सुविधाजनक नर आएगा। श्रद्धालु नए द्वार से महाकाल मंदिर में प्रवेश करेंगे। भीतर उन्हें महाकाल मंदिर क्षेत्र आठ गुना बड़ा नजर आएगा। यहां पुरातन स्वरूप में पत्थर एवं फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक की स्थापित 127 से अधिक शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियां देखने को मिलेगी। 920 मीटर लंबा पाथवे मिलेगा, जिसके एक ओर 108 आकर्षक खंभे, दूसरी ओर इतनी ही लंबी लगभग 15 फीट ऊंची दीवार पर शिव महापुराण में उल्लेखित देवी-देवताओं के भित्तीचित्र देखने को मिलेंगे।

सप्तऋषियों और नवग्रहों की मूर्तियां देखने को मिलेंगीं। रूद्रसागर का पानी स्वच्छ देखने को मिलेगा। पार्किंग, हार-फूल, प्रसाद-श्रृंगार एवं खान-पान की दुकान भी नए स्थान पर देखने को मिलेगी। सभी काम अंतिम चरण में जा पहुंचे हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह ने स्मार्ट सिटी कंपनी के इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वे हर हाल में 15 फरवरी से पहले मृदा परियोजना का पहला चरण पूरा कराएं। महाकाल थाने के पास स्थित प्राचीन महाकाल द्वार का जीर्णोंद्धार और बेगमबाग में स्मार्ट रोड निर्माण का काम भी मृदा प्रोजेक्ट के पहले चरण का हिस्सा बताया गया है। कहा गया है कि तकरीबन 250 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण फरवरी में होगा।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता भेजा है। मालूम हो कि मध्यप्रदेश की सरकार ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर परिसर का क्षेत्रफल आठ गुना बड़ा कर रही है। परियोजना 700 करोड़ रुपये की है। उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से पहले चरण में मंदिर के पीछे 96.97 करोड़ रुपये से रुद्रसागर तरफ महाकाल मंदिर का नया प्रवेश द्वार, 900 मीटर लंबा महाकाल गलियारा, सप्तऋषि, शिव स्तंभ दर्शन क्षेत्र, बैगमबाग मार्ग निर्माण आकार ले चुका है। पत्थर और फाइबर से बनी भगवान शिव की विभिन्ना मुद्राओं वाली विशाल 127 प्रतिमाओं पर रंगरोगन किया जाने लगा है। कायदे से ये काम पिछले साल ही पूरे हो जाने थे, मगर लाकडाउन, बारिश और कारणों से नहीं हो पाए।

दूसरे चरण में होंगे ये कार्य

– प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा स्कूल भवन को कुंभ संग्रहालय और हैरिटेज धर्मशाला के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

– रूद्रसागर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसे शिप्रा के शुद्ध पानी से भरा जाएगा। फ्रंट लेक एरिया का विकास एवं सुंदरीकरण किया जाएगा।

– पार्किंग, रामघाट मार्ग सुंदरीकरण, हरिफाटक ब्रिज का चौडीकरण, रेलवे अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। रूद्रसागर पैदल पुल, बेगमबाग मार्ग का विकास, महाकाल पहुंच मार्ग का उन्नायन किया जाएगा।

-क्षेत्र में सांस्कृतिक हाट का निर्माण होगा। रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनेमिक लाइट शो किया जाएगा। रूद्रसागर पर 210 मीटर लंबा पैदल पुल बनाया जाएगा, जो महाकाल थीम पार्क को जोड़ेंगे।

जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई होगी तेज

मंदिर क्षेत्र विस्तार एवं विकास कार्यों के लिए 223 परिवारों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इसकी कार्रवाई तेज की गई। महाकाल मंदिर के ठीक सामने वाले 11 भवन और रूद्रसागर के सामने चारधाम मार्ग पर चिन्हित 11 भवन तोड़कर जमीन अधिग्रहित कर ली गई है। भूअर्जन अधिकारी के अनुसार 145 परिवारों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। अब महाकाल मंदिर एवं महाराजवाड़ा परिसर के बीच की सड़क चौड़ी करने के लिए छह परिवारों की, महाकाल मंदिर से महाकाल चौराहा तक मार्ग चौड़ीकरण के लिए 40 परिवारों की, सरस्वती शिशु मंदिर समानांतर मार्ग को चौड़ा करने के लिए 20 परिवारों की और बड़ा गणेश मंदिर से चौबीसखंभा माता मंदिर मार्ग तक मार्ग चौड़ा करने के लिए 12 लोगों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।

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